Health Tips: आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली, फास्ट फूड, नींद की कमी और पानी की कमी के कारण कब्ज (Constipation) और आंतों की सूजन (Inflammation of Intestine) जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। परंतु आयुर्वेद में हर समस्या का समाधान प्रकृति में ही मौजूद है। आचार्य बालकृष्ण जी ने हाल ही में बताया कि कुछ आम लेकिन प्रभावशाली पत्ते रोजाना सेवन करने से ये परेशानियां जड़ से खत्म हो सकती हैं।
बेल के पत्ते (Bael Leaves)– ठंडक और पाचन सुधारने के लिए।
गुड़हल के पत्ते (Hibiscus Leaves)– पेट की गर्मी शांत करता है, सूजन और कब्ज को ठीक करता है।
पुदीना के पत्ते (Mint Leaves)– ठंडक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी।
रोजाना सुबह खाली पेट 2 ताजे पत्ते चबा-चबाकर खाएं। इन्हें अच्छी तरह चबाकर खाने से यह पेट में जाकर आंतों की सफाई करते हैं और पाचन को दुरुस्त करते हैं। चाहें तो इनका रस निकालकर एक चम्मच शहद के साथ भी ले भी सकते हैं।
कब्ज और आंतों की सूजन जैसी समस्याएं आजकल बहुत आम हैं, लेकिन इनका समाधान रसोई में ही छिपा है। यदि रोजाना सिर्फ 2 पत्तों को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो पेट से जुड़ी कई बीमारियों से बचा जा सकता है। आचार्य बालकृष्ण का यह सुझाव प्राकृतिक जीवनशैली अपनाने वालों के लिए एक अमृत समान है।