Artificial Intelligence: AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने और काम करने में योग्य बनाती हैं। जैसे चैटबॉट्स जो सवालों के जवाब देते हैं, गूगल मैप्स जो रास्ता बताते हैं, स्मार्टफोन में फेस रिकॉग्निशन और अब AI खुद से ईमेल लिख सकता हैं, कोड कर सकता हैं, चित्र बना सकता हैं।
AI अब बहुत से काम तेजी कर सकता हैं जो पहले इंसान करते थे। जैसे डाटा एंट्री, कॉल सेंटर, बेसिक एकाउंटिंग, रिपिटेटिव कंप्यूटर जॉब्स इन कामों में मशीनें इंसानों से सस्ती और तेजी से काम कर रही हैं, इसलिए कंपनियां इन्हें अपनाने लगी हैं। AI से पूरी तरह नौकरी खत्म नहीं हो रही, बल्कि नई तरह की नौकरियां शुरु हो रही हैं, जैसे डेटा साइंटिस्ट (जो AI को डेटा देता हैं), मशीन लर्निंग इंजीनियर (जो AI को ट्रेन करता हैं), प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स (AI को सही तरीके से चलाने वाले), साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट (AI से जुड़े सिस्टम को सुरक्षित रखने वाले) इन सब नौकरियों के लिए टेक्नोलॉजी ज्ञान और नई स्किल्स जरूरी होती हैं।
नौकरियों की संख्या बढ़ रही हैं। रिपोर्टस कहती हैं कि 2026 तक भारत में 10 लाख से ज्यादा AI प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। 2027 तक ये संख्या 23 लाख तक पहुंच सकती हैं। हर आईटी कंपनी अब AI स्पेशलिस्ट, डाटा एनालिस्ट और क्लाउड इंजीनियर जैसे लोगों की तलाश कर रही हैं।
भारत सरकार ने स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे प्रोग्राम शुरू किए हैं ताकि लोग AI सीख सकें डिजिटल स्किल्स हासिल कर सके गांव से लेकर शहर तक नौकरी के लिए तैयार हो सके
ग्रामीण इलाकों में 5 लाख युवाओं को फ्री में AI की ट्रेनिंग दी जा रही हैं। कुछ राज्य जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र में कोडिंग और डिजिटल स्किल पर जोर दिया जा रहा है।
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छात्रों को नई स्किल्स सीखनी चाहिए। जैसे Python, प्रोग्रामिंग मशीन और क्लाउड कंप्यूटिंग जनरेटिव AI (जैसे ChatGPT, DAALE) और छात्रों को किसी भी छोटे स्टार्टअप या कंपनी में इंटर्न बनकर प्रोजेक्ट बनाना चाहिए जिससे वे अपने काम का पोर्टफोलियो बना सके।
AI एक खतरा नहीं, एक मौका है। अगर हम समय रहते नई स्किल्स सीख लें, तो AI से नौकरी जाने की चिंता करने की बजाय, AI से नौकरी पाने वाले बन सकते हैं।