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Health News : भारत में बढ़ रही है ये बीमारी…कहीं आप भी तो नहीं हो रहे शिकार, जानें कैसे होती है रोगी की पहचान

Sickle Cell Disease
inkhbar News
  • Last Updated: July 22, 2025 19:01:28 IST

Sickle Cell Disease : भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय सिकल सेल मिशन के तहत सिकल सेल रोग के मामलों की पहचान में काफी वृद्धि हुई है. सरकार द्वारा अब तक 6 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है, जबकि मिशन का लक्ष्य 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करना है. इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है और इसके लिए सरकार ने व्यापक रूप से स्क्रीनिंग, जागरूकता और परामर्श सेवाएं प्रदान करने की योजना बनाई है.

सिकल सेल रोग की कैसे होती है पहचान

अब तक की जांचों में, 2.15 लाख व्यक्तियों में सिकल सेल रोग की पुष्टि हुई है, जबकि लगभग 16.7 लाख लोग वाहक पाए गए हैं. इसका मतलब है कि इन व्यक्तियों के शरीर में सिकल सेल के लक्षण तो नहीं होते, लेकिन वे इसे अपने बच्चों को पारित कर सकते हैं. इसके साथ ही, 2.6 करोड़ स्क्रीन किए गए व्यक्तियों को उनके संबंधित राज्यों द्वारा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें इलाज और देखभाल में मदद मिल रही है.

भारत सरकार चला रही है मिशन

मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने इस मिशन के अंतर्गत उच्च प्रतिशत में स्क्रीनिंग कर महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है. इन राज्यों ने मिशन के लक्ष्य को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाई है. ज्ञात हो कि सिकल सेल रोग के सबसे अधिक मामले ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में पाए गए हैं. इन राज्यों में सिकल सेल एनीमिया की दर अधिक होने के कारण विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

 स्क्रीनिंग तकनीक और डैशबोर्ड

इस मिशन के अंतर्गत स्क्रीनिंग के लिए मान्यता प्राप्त ‘पॉइंट ऑफ केयर टेस्टिंग किट्स’ का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो न केवल तेज़, बल्कि सटीक परिणाम भी प्रदान करती हैं. इन किट्स के उपयोग से स्वास्थ्य अधिकारियों को जल्दी और सटीक जानकारी मिल रही है, जिससे सिकल सेल रोगियों की समय पर पहचान और इलाज किया जा सकता है.

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इसके अलावा, एक समर्पित डैशबोर्ड और सिकल सेल पोर्टल भी बनाया गया है, जो सभी राज्यों से प्राप्त आंकड़ों को एकत्र करता है और उन्हें प्रदर्शित करता है. यह पोर्टल स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों को रोग के फैलाव और प्रगति पर निगरानी रखने में मदद करता है. इसके अलावा मिशन के तहत आने वाले वर्षों में शैक्षिक और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सिकल सेल रोग और उसकी रोकथाम के बारे में अधिक जानकारी दी जाएगी.

प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी मिशन की शुरुआत

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत 1 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल से की थी. इस मिशन का उद्देश्य 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है, और इसके लिए 0-40 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इस मिशन के तहत, वित्त वर्ष 2025-26 तक पूरे देश में सिकल सेल के बारे में जागरूकता और परामर्श सेवाओं का विस्तार किया जाएगा.

क्या है सिकल सेल रोग

सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से अलग आकार की हो जाती हैं. ये कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं, और उनका आकार अर्धचंद्राकार या “सिकल” जैसा हो जाता है. यह विकृति रक्त वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करती है, जिससे व्यक्ति को तेज़ दर्द, खून की कमी और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है.