Written By: Jesika verma
Trump-Putin in Alaska: यूक्रेन युद्ध के चौथे वर्ष में एक आस खिला दी है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में आमने-सामने वार्ता करेंगे। इस बैठक में शांति की दिशा में संभावित क्षेत्रीय समझौते पर विचार होने की बात उठ रही है, जिससे वैश्विक राजनीति में भू-राजनीतिक हलचल बनी हुई है।
यह श्री बैठक उन छह दशकों में पहली होगी जब अमेरिका में रूस के सर्वोच्च नेता से शांति वार्ता के लिए मुलाकात होगी। इसका स्थान अलास्का राजनीतिक और भौगोलिक दृष्टि से बेहद प्रतीकात्मक है, जो अमेरिकी और रूसी जमीन के बीच संपर्क बिंदु रहा है। इस वार्ता को वैश्विक राजनीति में एक अहम अवसर माना जा रहा है।
ट्रम्प ने संकेत दिए हैं कि समझौते में “कुछ इलाकों का आदान-प्रदान” (territorial swap) शामिल हो सकता है जहां यूक्रेन को कुछ भूमि छोड़नी पड़ सकती है। खास तौर पर दोनेत्स्क, लुगांस्क, क्रीमिया, खेरसन, और जपोरिजिया क्षेत्र चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। यह प्रस्ताव यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल खड़ा करता है।
यूरोप और यूक्रेन ने इन प्रस्तावों पर विरोध जताया है, क्योंकि यह सिद्धांत रूप से पश्चिमी सुरक्षा मानकों को कमजोर कर सकता है। अगर यह बैठक सफल हुई, तो यह NATO रणनीतियों, आर्थिक प्रतिबंधों और पूर्वी यूरोप की सुरक्षा नीति को प्रभावित कर सकती है। इस बैठक का असर वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण रहेगा चाहे वह शांति की दिशा में हो या पटल बदलने वाले भू-राजनीतिक समीकरणों की ओर।
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