Iran: ईरान और इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद ईरान ने ‘ऑपरेशन टू प्रॉमिस 3’ के तहत मिसाइल और ड्रोन हमले में इजरायली शहरों को दहला दिया। लेकिन इस बार ईरान ने ‘खैबर शेकन’ नाम की शक्तिशाली मिसाइल का इस्तेमाल किया,जिसने इजरायल की अत्याधुनिक आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली को भेद दिया।
इस शक्तिशाली मिसाइल का नाम सीधे तौर पर इस्लामी इतिहास की प्रसिद्ध खैबर की लड़ाई से जुड़ा है। जिसे पैगंबर मोहम्मद साहब के नेतृत्व में यहूदियों के खिलाफ लड़ा गया था। इस नाम को चुनकर ईरान ने इजरायल को धार्मिक और गहरा मैसेज दे दिया है।
दरअसल, ईरान ने रविवार देर रात ऑपरेशन ‘टू प्रॉमिस 3’ के तहत 20वीं बार इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया। इस बार सबसे ज्यादा चर्चा ‘खैबर शेकन’मिसाइल की हुई। जिसकी मारक क्षमता, गति और सटीकता ने इज़रायल की आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो, इस मिसाइल से तेल अवीव के रमात गन जिले में 9 इमारतें ध्वस्त हो गईं। साथ ही हाइफ़ा और आसपास के इलाकों में भी धमाके हुए।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहासकार प्रो. अली नदीम रज़वी के मुताबिक, “629 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद साहब की सेना और यहूदियों के बीच खैबर की लड़ाई हुई थी। जिसमें इमाम अली ने यहूदी सेनापति मरहब को जुल्फिकार नाम की तलवार से हराया था और खैबर का किला फतेह किया था।” इस घटना को इस्लाम के यहूदियों पर सबसे बड़ी जीत के रूप में याद किया जाता है। अब ईरान ने इसी लड़ाई के नाम पर मिसाइल बनाकर इज़राइल को एक ऐतिहासिक और धार्मिक जवाब देने की कोशिश की है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली ख़ामेनेई ने युद्ध के पांचवें दिन एक पोस्ट में इमाम अली और जुल्फिकार की तस्वीर पोस्ट की। जो यह स्पष्ट संकेत है कि ईरान इस युद्ध को धार्मिक और ऐतिहासिक विजन से भी देख रहा है।