Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाषा आंदोलन की शुरुआत कर दी है। राज्य के बोलपुर से इस आंदोलन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूल सकते। साथ ही मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासियों पर कथित हमलों के खिलाफ बोलपुर में विरोध मार्च भी शुरू किया।
उन्होंने कहा कि हम भाषा के आधार पर विरोध नहीं चाहते, लेकिन बांग्ला के नाम पर उत्पीड़न भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि आप सब कुछ भूल सकते हैं, लेकिन आपको अपनी अस्मिता, मातृभाषा, मातृभूमि नहीं भूलनी चाहिए।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले बांग्ला भाषा को लेकर विवाद बढ़ रहा है। इसमें एनसीआर के गुरुग्राम शहर में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर विवाद भी तेज हो गया है।
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तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि बंगाली भाषियों को खासतौर से बीजेपी शासित राज्यों में बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है और उन्हें जबरन सीमा पार बांग्लादेश में वापस धकेला जा रहा है। दरअसल, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली के दौरान 28 जुलाई को प्रदेशव्यापी भाषा आंदोलन शुरू किए जाने की घोषणा की थी।
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