Kalyan Banerjee : तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने सोमवार को पार्टी के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) पद से इस्तीफा दे दिया. कहा जा रहा है कि उनका यह कदम पार्टी के अंदर चल रहे विवादों और हालिया विवादित टिप्पणियों के बीच आया है, जिनमें उनकी सहयोगी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ मतभेद भी शामिल हैं.
बनर्जी ने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई एक वर्चुअल बैठक के बाद मीडिया को बताया. उन्होंने कहा कि मैंने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक का पद छोड़ दिया है, क्योंकि दीदी (ममता बनर्जी) ने वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहा था कि पार्टी सांसदों के बीच समन्वय की कमी है. इसलिए मैंने यह पद छोड़ने का निर्णय लिया है.
हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस्तीफा देने के कुछ समय बाद कल्याण बनर्जी ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का संकेत दिया और टीएमसी के शीर्ष नेताओं से संपर्क भी किया.
पार्टी में कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच विवाद कोई नया नहीं है. हाल ही में, बनर्जी ने सोशल मीडिया पर मोइत्रा की आलोचना की, जिसमें उन्होंने मोइत्रा द्वारा एक पॉडकास्ट में उनके खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणियों पर आपत्ति जताई. बनर्जी ने लिखा कि महुआ मोइत्रा द्वारा हाल ही में एक सार्वजनिक पॉडकास्ट में की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. उनके शब्दों का चयन जिसमें एक सांसद की तुलना सुअर जैसे अमानवीय शब्दों से करना शामिल है, न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि ये सभ्य संवाद के बुनियादी नियमों की गहरी अवहेलना को दिखाता है.
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि वे किस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं. जब एक जनप्रतिनिधि गाली-गलौज करने पर उतर आता है, तो यह ताकत नहीं, बल्कि असुरक्षा को दर्शाता है.
यह विवाद केवल बनर्जी और मोइत्रा तक सीमित नहीं है. बनर्जी का कीर्ति आजाद के साथ भी सार्वजनिक विवाद हो चुका है,जिससे टीएमसी की स्थिति पहले ही असहज हो चुकी है. इन घटनाओं ने पार्टी के अंदर आंतरिक मतभेदों को उजागर किया है, खासकर जब पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.
टीएमसी नेता ने कहा कि अगर मोइत्रा सोचती हैं कि गंदी गालियां देने से उनकी नाकामियां छिप जाएंगी या उनके रिकॉर्ड पर गंभीर सवालों से ध्यान हट जाएगा, तो वह खुद को धोखा दे रही हैं. उन्होंने कहा कि गाली-गलौज का कोई भी रूप अस्वीकार्य है, चाहे वह पुरुष हो या महिला.
कल्याण बनर्जी के विवादों का लंबा इतिहास रहा है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ अनुचित टिप्पणी की थी और एक संसदीय समिति की बैठक में कांच की बोतल तोड़ने जैसे विवादों का सामना किया था. इन घटनाओं ने पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह राजनीतिक हलचलें पैदा की हैं. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के विवाद पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर जब पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.