Written By: Jesika verma
RG Kar victim: बिहार से सटे पश्चिम बंगाल में RG Kar अस्पताल में हुई दर्दनाक घटना की पहली बरसी पर पीड़िता के माता-पिता ने न्याय की मांग में ‘नबान्न मार्च’ निकाला। मार्च से पहले Calcutta High Court से अनुमति प्राप्त थी। फिर भी, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर हमला किया, उनकी पारंपरिक ‘शंख-चूड़ियां’ तोड़ी और सिर पर चोट आई।
कोलकाता हाई कोर्ट ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी थी। बावजूद इसके, RG Kar पीड़िता के माता-पिता और विपक्षी नेता मार्च शुरू कर Park Street की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने रुकावट डालते हुए लाठीचार्ज किया।
मां ने स्पष्ट रूप से कहा: “पुलिस ने मुझे धक्का दिया, मेरी ‘शंख’ (शंख-चूड़ी) टूट गई और मेरे माथे पर चोट आई।” यह पारंपरिक चूड़ी उनके लिए सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति और पहचान का प्रतीक है।
मां को निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया, जहां उनकी चोट को स्थिर बताया गया और घर पर आराम की सलाह दी गई। पुलिस ने कहा कि अभी तक उन्हें इस तरह की घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन वीडियो फुटेज और अस्पताल रिपोर्ट्स की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
इस घटना ने विरोधी दलों द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला तेज कर दिया। BJP सहित कई नेता कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, TMC ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने माता-पिता की भावनाओं का राजनीतिकरण किया।
यह मार्च सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि न्याय मांगने का प्रतीक बन गया। पीड़िता के परिवार ने दिल्ली में गृह मंत्री और CBI निदेशक से मिलने का निर्णय लिया उनकी यह असंतुष्टि दर्शाती है कि न्याय अभी तक अधूरा है।