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Haridwar Stampede : हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ का कहर : 6 की मौत, दर्जनों घायल

Stampede wreaks havoc at Haridwar's Mansa Devi temple: 6 dead, dozens injured
inkhbar News
  • Last Updated: July 27, 2025 11:03:24 IST

Haridwar Stampede : उत्तराखंड के हरिद्वार से आज सुबह एक दुखद खबर सामने आई है। प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई है और 25 से 30 लोग घायल हुए हैं। हादसे की मुख्य वजह भारी भीड़ बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया गया है। मनसा देवी मंदिर हरिद्वार का एक अत्यंत लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, जहां देश भर से श्रद्धालु और पर्यटक दर्शन के लिए आते रहते हैं।

क्या बोले अधिकारी

इस दुर्घटना पर गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने ANI को बताया, “हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ जमा होने के बाद मची भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई है। मैं तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं। घटना की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।” प्रशासन ने घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास जारी हैं।

मनसा देवी मंदिर का महत्व

मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड की धार्मिक राजधानी हरिद्वार में स्थित एक प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थल है। यह पवित्र मंदिर मां मनसा देवी को समर्पित है, जिन्हें सर्पों की देवी और इच्छा पूर्ति करने वाली माता के रूप में श्रद्धा से पूजा जाता है। यह हरिद्वार के तीन प्रमुख सिद्धपीठों में से एक है, जबकि अन्य दो चंडी देवी मंदिर और माया देवी मंदिर हैं।यह मंदिर गंगा नदी के किनारे एक सुरम्य पहाड़ी पर स्थित है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचने के दो मुख्य मार्ग हैं। पहला रोपवे (उड़न खटोला) सेवा के माध्यम से, जो एक सुविधाजनक और लोकप्रिय विकल्प है तथा श्रद्धालुओं को आसानी से पहाड़ी की चोटी तक पहुंचा देता है। दूसरा रास्ता सीढ़ियों से होकर पैदल जाने का है, जो एक पारंपरिक धार्मिक और प्राकृतिक अनुभव प्रदान करता है।

धार्मिक मान्यताएं के बेच बड़ी दुर्घटना

मां मनसा देवी को मनोकामना पूर्ति की देवी माना जाता है। यहां आने वाले भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मंदिर में विशेष धागा (मनसा धागा) बांधते हैं और मनोकामना पूरी होने पर वापस आकर उसे खोलते हैं। यह मंदिर शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र है और विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। आज की यह दुखद घटना पूरे उत्तराखंड और धार्मिक समुदाय के लिए एक बड़ा आघात है।