Mansa Devi stampede : उत्तराखंड के धार्मिक नगरी हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi temple) में रविवार सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मंदिर परिसर में असामान्य रूप से भारी भीड़ के कारण यह दुर्घटना हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। सभी घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना में जान गंवाने वाले लोगों को सीएम ने 2 लाख और घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि मनसा देवी मंदिर की ये भगदड़ कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई लोग धार्मिक कार्यक्रम में जान गवां चुके आंकड़ों की बात करें तो पिछले पांच सालों में भगदड़ से करीब 241 मौतें हुई है। आइये जानते हैं कि पांच साल में कौन सी घटनाएं हुई है जिन्होंने लोगों की जिंदगी बदल दी है।
1 जनवरी 2022 को माता वैष्णो देवी मंदिर : नए साल के अवसर पर माता वैष्णो देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। संकीर्ण प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से यह हादसा हुआ। 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जन से ज्यादा घायल हुए।
20 अगस्त 2022 में वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर : उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव के दौरान मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और सात घायल हुए।
31 मार्च 2023 में प्राचीन बावड़ी : मध्य प्रदेश के इंदौर में राम नवमी के अवसर पर एक मंदिर में हवन के दौरान प्राचीन बावड़ी (कुएं) के ऊपर बनी स्लैब ढह गई, जिसके कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई।
24 दिसंबर 2023 में बांके बिहारी मंदिर : उत्तर प्रदेश के मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में अत्यधिक भीड़ के कारण दम घुटने से भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। इस घटना में 2 महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
17 मार्च 2024 श्रीजी मंदिर : मथुरा के श्रीजी मंदिर में होली से पहले एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ में कम से कम 6 श्रद्धालु बेहोश हुए। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई।
25 मार्च 2024 में कोट्टनकुलंगरा मंदिर : केरल के कोल्लम में कोट्टनकुलंगरा मंदिर में आयोजित एक धार्मिक समारोह के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें पांच साल की एक लड़की की मौत हो गई।
2 जुलाई 2024 में भोले बाबा सत्संग : उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू संत भोले बाबा (नारायण साकार हरि) के सत्संग में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। आयोजकों को 5,000 लोगों के लिए अनुमति थी, लेकिन 15,000 से अधिक लोग जमा हुए। गर्मी और उमस के कारण लोग बाहर निकलने की कोशिश में थे, जिससे भगदड़ शुरू हुई। 121 लोगों की मौत हो गई। इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल थे। सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
12 अगस्त 2024 में बाबा सिद्धनाथ मंदिर : बिहार के बनावर हिलॉक में बाबा सिद्धनाथ मंदिर में सावन माह के चौथे सोमवार को पूजा के दौरान भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में सात लोगों की मौत हुई और 10 लोग घायल हुए।
29 जनवरी 2025 में कुंभ मेले : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान भगदड़ मची थी। मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हुई, जिसके कारण भगदड़ मच गई। भीड़ प्रबंधन की कमी और वीआईपी प्रोटोकॉल के कारण स्थिति और बिगड़ गई। इस हादसे में करीब 30 लोगों की मौत हुई और 60 लोग घायल हुए। इस घटना से प्रयागराज दहल गया था।
29 जून 2025 में जगन्नाथ की रथयात्रा : ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान नंदीघोष रथ के पास भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इससे तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए।