Unemployed becomes ‘trillionaire’ in Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के ऊंची दनकौर गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक बेरोजगार युवक के बैंक अकाउंट में अचानक खरबों-खरब रुपये दिखाई देने लगे। युवक का नाम दीपक उर्फ दीपू है, जो हाल ही में अपनी मां को खो चुका है और उसके पिता की भी पहले ही मृत्यु हो चुकी है। दीपक ने महज दो महीने पहले कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता खुलवाया था, जिससे वह सामान्य रूप से यूपीआई के जरिए लेन-देन करता था। खाते में आई रकम का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद आयकर विभाग की टीम में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में रहने वाले शनिवार को दीपक को अपने मोबाइल पर एक बैंक मैसेज मिला, जिसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। मोबाइल में दिख रही राशि इतनी बड़ी थी कि उसे गिनना भी मुश्किल हो रहा था —10,01,35,60,00,00,00,00,00,01,00,23,56,00,00,00,00,299 रुपये। इतनी रकम देखकर दीपक हक्का-बक्का रह गया और सोमवार को वह सीधे बैंक पहुंचा। रकम इतनी थी कि वह गिन ही नहीं पा रहा था।
जब उसने कोटक महिंद्रा बैंक के अधिकारियों से इस रकम के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो उन्हें बताया गया कि उसका अकाउंट फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है। अधिकारियों ने उसे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी और बैंक से बाहर कर दिया गया। इसी दौरान यह खबर पूरे गांव और क्षेत्र में फैल गई, और लोग अलग-अलग कयास लगाने लगे। कुछ ने इसे लॉटरी समझा, तो कुछ को शक हुआ कि कहीं कोई मनी लॉन्ड्रिंग का मामला तो नहीं। मामला बढ़ता देख पुलिस और आयकर विभाग भी हरकत में आ गए। पुलिस ने युवक को कोतवाली बुलाकर पूछताछ की और बैंक अधिकारियों से संपर्क साधा।
कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने साफ कहा कि किसी सामान्य बचत खाते में इतनी बड़ी रकम आना असंभव है। मामले की तकनीकी जांच शुरू की गई। इस बीच खबर फैलने के बाद दीपक को रिश्तेदारों, पड़ोसियों और जानने वालों के लगातार कॉल आने लगे, जिससे घबराकर उसने अपना फोन ही बंद कर दिया। आयकर विभाग ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता चल सके कि कहीं यह बैंकिंग गलती है, तकनीकी बग है या कोई बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड। जांच के बाद जो बात सामने आई, उसने पूरे मामले को साफ किया।
थाना दनकौर पुलिस द्वारा की गई तकनीकी पड़ताल में पता चला कि यह रकम असल में NAVI UPI App के एक टेक्निकल ग्लिच (बग) के कारण दिखाई दे रही थी। NAVI ऐप पर यह राशि गलती से प्रदर्शित हो रही थी, जबकि जब युवक ने PhonePe ऐप से लॉगिन कर बैलेंस देखा तो वहां उसकी अकाउंट में शून्य बैलेंस था। पुलिस ने ईमेल के माध्यम से दीपक का असली बैंक स्टेटमेंट भी मंगवाया, जिसमें स्पष्ट हो गया कि खाते में कोई असाधारण रकम नहीं है और उसका बैलेंस वास्तव में शून्य है। फिलहाल, सभी संबंधित एजेंसियां पुलिस, बैंक और आयकर विभाग इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं यह तकनीकी बग किसी बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड का हिस्सा तो नहीं था।
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे लेकर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ ने दीपक को “भारत का सबसे अमीर बेरोजगार” करार दिया, तो कुछ ने बैंकिंग सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। फिलहाल, दीपक की ‘खरबपति’ बनने की खुशी सिर्फ एक भ्रम साबित हुई, लेकिन इस तकनीकी बग ने सिस्टम की खामियों की तरफ जरूर इशारा कर दिया है।
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