Patna- Varanasi: गंगा के उत्तरी तटवर्ती इलाकों और निचले क्षेत्रों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। वहीं पटना और वाराणसी जैसे शहरों में हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब गंगा का पानी पूर्वी दिशा की ओर बड़ रहा है, खासकर भागलपुर जिले के कहलगांव की ओर तेजी से।
बिहार जल संसाधन विभाग की बाढ़ बुलेटिन के अनुसार बक्सर में गंगा 39 सेमी,पटना के दीघा घाट पर 20 सेमी,गांधी घाट पर 75 सेमी और हाथीदह में 61 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। वहीं पूर्वी बिहार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे है, लेकिन उसमें लगातार वृद्धि देखी जा रही है। कहलगांव में यह 49 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे भागलपुर व कटिहार जिलों के नौगछिया, गोपालपुर, कुरसेला और मनीहारी ब्लॉकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
उत्तर और दक्षिण बिहार के मैदानी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में बिहार के अधिकांश जिलों में दो अंकों में बारिश दर्ज की गई है। चार जिलों को छोड़कर सभी में बारिश 100 मिमी से ज्यादा रही है। इस बीच, कोसी नदी पर स्थित वीरपुर बैराज से 1.76 लाख क्यूसेक और गंडक नदी पर स्थित वाल्मीकि नगर बैराज से 1.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
वाराणसी में भी लगातार भारी बारिश और गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। शनिवार से ही गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है। सावधानी के चलते गंगा में चलने वाली सभी नावों का संचालन रोक दिया गया है।
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प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और नावों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों के बढ़ते जलस्तर से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। प्रशासन सतर्क है, लेकिन आने वाले दिनों में बारिश और जलस्तर में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।