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यूपी परिवहन विभाग का कड़ा एक्शन : 8,322 वाहनों के परमिट रद्द, 1,200 मालिकों को नोटिस

Strict action by UP Transport Department
inkhbar News
  • Last Updated: August 10, 2025 16:16:36 IST

UP Transport Department Action : उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा, यात्री हित और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने बड़ी कार्रवाई की है। 7 अगस्त को परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक के बाद 8,322 वाहनों के परमिट रद्द कर दिए गए। इसके अलावा 738 वाहनों के परमिट 45 दिनों के लिए निलंबित कर दिए गए और 1,200 से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया गया।

परिवहन विभाग ने क्या एक्शन लिया है

परिवहन विभाग के अनुसार, रद्द किए गए परमिट वाले वाहनों में से अधिकांश की वैधता समाप्त हो चुकी थी, उनकी आयु सीमा पार हो गई थी या वे वैधानिक शर्तों का उल्लंघन कर रहे थे। इनमें 8,322 चार-पहिया वाहन, ज्यादातर टैक्सियां, और 737 निजी बसें शामिल हैं। इन बसों पर अनधिकृत मार्गों पर संचालन और बिना अनुमति यात्रियों को ले जाने का आरोप है। तीन वाहनों के परमिट तो उन दुर्घटनाओं के चलते रद्द किए गए जिनमें चार से पांच लोगों की मौत हुई थी। ऐसे वाहनों को एक साल तक नया परमिट नहीं मिलेगा। नियमों के उल्लंघन पर एसटीए ने उन 1,200 मालिकों को भी नोटिस जारी किया है जिनके परमिट सात साल से अधिक समय से नवीनीकृत नहीं हुए हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि मानकों के अनुसार परमिट नवीनीकरण न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

इन लोगों के परमिट रद्द करने के निर्देश

बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 1 नवंबर 2025 से एनसीआर में केवल बीएस-6 मानक वाले सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहनों को प्रवेश मिलेगा। वहीं, 1 नवंबर 2026 से बसों के लिए सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-6 डीजल इंजन अनिवार्य होंगे। स्कूल बसों और वैन की सुरक्षा को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। केवल सड़क योग्य वाहनों को ही परमिट जारी होंगे और गैर-अनुपालक वाहनों के परमिट तत्काल रद्द किए जाएंगे। इसके साथ ही, 11 ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों के लेटर ऑफ इंटेंट रद्द कर दिए गए हैं, जो एक साल के भीतर केंद्र शुरू करने में विफल रहे।

नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं

वाहनों की निगरानी मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के नियम 103 का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है। इसमें प्रत्येक वाहन का दैनिक रिकॉर्ड रखने और चालक के काम के घंटे, मार्ग तथा यात्रियों या माल का विवरण दर्ज करने की व्यवस्था होगी। इसके लिए एनआईसी का वाहन 4.0 मॉड्यूल लागू किया जाएगा। परिवहन विभाग की यह सख्ती 15 मई को किसान पथ पर हुए एक बड़े बस हादसे के बाद बढ़ी, जिसमें गैर-अनुपालक वाहन शामिल था। इस घटना के बाद विभाग ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।