Noida Authority Action : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त हो गया है। नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा अतिक्रमणकारियों ने आतंक मचा रखा है। इसको लेकर अब कार्रवाई तेज कर दी गई है। कुछ दिनों पहले सलारपुर में अवैध इमारत बनाने वालों को प्राधिकरण ने चेतावनी दी थी अब 39 अतिक्रमणकारियों को भूमाफिया घोषित किया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र लिख दिया है। इन अतिक्रमण करने वालों में बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधि से लेकर कॉलोनाइजर तक शामिल हैं। प्राधिकरण की चेतावनी देने के बावजूद भी लोगों ने वहां धड़ल्ले से इमारतें बनी दी।
नोएडा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार, सलारपुर खादर में 24 खसरा नंबरों पर लोगों ने अवैध इमारत बना ली है। निर्माण होते समय प्राधिकरण की टीम ने इनको रुकवाने का प्रयास किया था, लेकिन काम जारी रहा। इसके बाद नोटिस देकर इमारत नहीं बनाने के लिए भी कहा। लेकिन इसके बावजूद निर्माण जारी रहा। ऐसे में पिछले महीने प्राधिकरण ने संबंधित सभी इमारतों पर नोटिस चस्पा करते हुए 15 दिन के अंदर इनको स्वयं ध्वस्त करने के निर्देश संबंधित इमारत के मालिकों को दिए थे, लेकिन अब तक किसी ने इमारत को नहीं तोड़ा।
यही नहीं, नोटिस को फाड़कर फिर से बचे हुए काम शुरू कर दिए। प्राधिकरण को इमारत के मालिकों ने बताया है कि संबंधित खसरा नंबर के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। ऐसे में अब प्राधिकरण विधि विभाग से सलाह ले रहा है। अब प्राधिकरण इन इमारतों को ध्वस्त कराएगा और ध्वस्तीकरण पर आने वाले खर्च को इमारत मालिकों से ही लेगा।
नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि इमारतों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अतिक्रमण करने वालों को भूमाफिया घोषित कराया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख दिया गया है। इन खसरा नंबरों पर अवैध इमारतें बनीं : प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सलारपुर खादर पुलिस चौकी के पीछे खसरा संख्या-723, 724 नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित व खसरा संख्या 727, 728, 729, 730, 731, 732, 733, 734, 735, 736, 737, 738, 739, 745, 746, 747, 748, 749, 750, 751, 752 व 753 प्राधिकरण की अधिसूचित व अर्जित भूमि है।
यहां पर अवैध रुप से 60 से ज्यादा इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें वन बीएचके से लेकर दो और तीन बीएचके फ्लैट है, जिनकी कीमत करीब 30 से 65 लाख तक है। इनमें से कई की तो बुकिंग हो चुकी है।
मोहम्मद अयूब व याकूब, सुनील शर्मा व राहुल शर्मा, मोहम्मद सलीम व शमीम, मैसर्स एसए प्रमोटर्स के सुनील कुमार सिंह, मैसर्स प्रोपर्टी अरीना इन्फ्राकांन प्राइवेट लि. के आलोक कुमार, रिषिपाल, महर्षि आश्रम के राहुल भारद्वाज, मैसर्स एनर्जी बिल्डिंग सॉल्यूसंस प्राइवेट लि. के संजीव कुमार त्रिपाठी, मैसर्स क्वालिस्टिक टेक्नोज के सुभाष कुमार भाटी, मैसर्स डालमिया लेटेक्स लिमिटेड के अभिषेक जैन, विकास गोयल, मैसर्स नीदरलैंड इंडिया कम्युनिकेशन इंटरप्राइजेज के जालम सिंह, श्रीमती जयाकुमारी, मैसर्स ब्रेकथू इंटरप्राइजेज, एलएलपी के सर्वेश मिश्रा, जयविन्द, जुगल किशोर गौतम व सुरेंद्र।
रामकुमार, हरीश व हरिशचंद, मिन्टू व रिन्कू, राहुल कसाना, मैसर्स स्टूडेन्ट इंटरनेशनल मेडिटेशन सोसाइटी के विनीत कुमार श्रीवास्तव, मैसर्स सिंहवाहिनी इन्फ्रा प्रोजेक्टस लि. के प्रदीप सिंह, मैसर्स गोपाल सागर इन्फ्रा लि. के हेरी बजाज, मैसर्स प्राईमस अल्टिमा के पवन जिंदल, मैसर्स अरीना प्रापर्टी इन्फ्राकांन प्राइवेट लि. के आलोक कुमार, रामनाथ यादव, शेखर कुमार, कृष्ण कन्हैया, मैसर्स सिंहवाहिनी इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के अंकित कुमार, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद शमीम मलिक, महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के प्रमोद कुमार, मोहम्मद अरशद अली, मोहम्मद फैज अंसारी, मैसर्स एकता बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के निखिल कुमार।
जिन 39 अतिक्रमण करने वालों को भूमाफिया घोषित करने की तैयारी है, उनमें कई छोटी-छोटी बिल्डर कंपनियां शामिल हैं। इन बिल्डर कंपनियों के लोग जमीन पर फ्लैट बनाकर लोगों को झांसे में लेकर बेच रहे हैं। बीते कुछ सालों में सलारपुर के अलावा बरौला में भी कॉलोनाइजर कॉलोनी काट रहे हैं। इतनी चेतावनी मिलने के बावजूद भी लोग आंख मूदकर यहां फ्लैट ले रहे हैं।
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