Noida Day Care Case : नोएडा के सेक्टर-142 थाना क्षेत्र से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक डे-केयर में 15 माह की मासूम बच्ची के साथ घरेलू सहायिका ने इतनी निर्दयता दिखाई कि सुनकर दिल दहल जाए। आरोप है कि महिला ने बच्ची को दांत से काटा और फिर जमीन पर पटक दिया। पूरी घटना डे-केयर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद से परिजनों में आक्रोश का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-137 की एक सोसायटी में रहने वाले दंपती अपनी 15 माह की बच्ची को रोजाना डे-केयर में छोड़ते थे, जहां उसकी देखभाल एक घरेलू सहायिका करती थी। यह सहायिका मात्र दस दिन पहले ही डे-केयर में काम पर लगी थी। घटना का खुलासा तब हुआ जब एक दिन बच्ची के माता-पिता ने उसके पैर पर अजीब से निशान देखे। शक होने पर उन्होंने डे-केयर का सीसीटीवी फुटेज चेक किया, जिसमें जो दृश्य सामने आए, वे चौंकाने वाले थे। फुटेज में सहायिका बच्ची को बेरहमी से खींचते, दांत से काटते और उसे जमीन पर पटकते हुए नजर आई।
मासूम के माता-पिता ने तत्काल इसकी शिकायत सेक्टर-142 पुलिस से की। पीड़िता की मां ने डे-केयर संचालिका और घरेलू सहायिका दोनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपित सहायिका को हिरासत में ले लिया। डीसीपी का कहना है कि बच्ची रोजाना डे-केयर में लगभग ढाई घंटे बिताती थी। घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े ऐसे मामलों में लापरवाही या क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में डे-केयर की ओर से भी पर्याप्त निगरानी और सुरक्षा मानकों का पालन न करने की बात सामने आई है। इसी आधार पर संचालिका पर भी कार्रवाई की जा रही है। घटना ने नोएडा समेत पूरे एनसीआर में डे-केयर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना पर गुस्सा जता रहे हैं। कई लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि कोई भी मासूम बच्चों के साथ इस तरह की क्रूरता करने की हिम्मत न जुटा सके। यह मामला न केवल बच्चों की देखभाल में लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि अभिभावकों को भी चेतावनी देता है कि वे अपने बच्चों को जहां छोड़ते हैं, वहां की पूरी तरह जांच-परख जरूर करें।