• होम
  • उत्तर प्रदेश
  • गाजियाबाद अब नहीं कर पाएगा प्रेमी जोड़ों की मदद, हाई कोर्ट ने इस नियम में किया बदलाव

गाजियाबाद अब नहीं कर पाएगा प्रेमी जोड़ों की मदद, हाई कोर्ट ने इस नियम में किया बदलाव

ghaziabad photo
inkhbar News
  • Last Updated: July 21, 2025 15:59:49 IST

Ghaziabad News: गाजियाबाद, दिल्ली से सटा हुआ एक बड़ा शहर हैं। यहां पिछले कुछ समय से ऐसा ट्रेंड बन गया था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में से जैसे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और यूपी के अन्य जिलों से प्रेमी जोड़े आते थे और बिना ज्यादा पूछताछ के शादी का रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे।  कई बार यह देखा गया कि युवक-युवती चोरी छुपे शादी करते हैं। फिर बिना परिवार की जानकारी के गाजियाबाद में आकर शादी का रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं। कुछ मामलों में लड़कियां नाबालिग होती थीं और कुछ लड़कों की पहले से शादी हो रखी होती थी, जिसे वो छुपाते थे।

झूठे दस्तावेज लगाकर दूसरी शादी रजिस्टर्ड

इलाहाबाद हाई कोर्ट के पास जब ये मामले बार-बार आने लगे, तो कोर्ट ने जांच के आदेश दिए। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कि गाजियाबाद के एक ऑफिस (SRO-5) में एक साल में 19,000 से ज्यादा शादियां रजिस्टर्ड की गईं, जो लखनऊ और नोएडा जैसे बड़े शहरों से कई गुना ज़्यादा थीं। कई रजिस्ट्रेशन फर्जी दस्तावेजों पर किए गए थे। शादी के दस्तावेजों में गवाहों की जानकारी, पुजारी का नाम, मंदिर का पता आदि नहीं थे। कुछ लड़कियां नाबालिग (14-16 वर्ष की) पाई गईं। कुछ युवक पहले से शादीशुदा थे, लेकिन उन्होंने झूठे दस्तावेज लगाकर दूसरी शादी रजिस्टर्ड करा ली।

अब क्या हुए बदलाव?

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद गाजियाबाद सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं। अब शादी रजिस्टर उसी जिले में हो सकती हैं, जहां दूल्हा या दुल्हन में से कोई वह का नागरिक होगा और शादी के समय दोनों पक्षों के कम से कम एक करीबी रिश्तेदार की मौजूदगी अनिवार्य हैं। अगर शादी किसी मंदिर में हुई हैं, तो उस मंदिर के पुजारी का शपथ-पत्र, मंदिर का नाम, पता और गवाहों की जानकारी देना जरूरी हैं।

लोगों को कैसे हो रही है परेशानी

कुछ आम लोग भी इन नए नियमों से प्रभावित हो रहे हैं। एक महिला कांस्टेबल ने बताया कि उसे अपने भाई को औरैया (यूपी) से बुलाना पड़ा क्योंकि अब शादी रजिस्ट्रेशन के समय दोनों परिवारों से रिश्तेदारों का मौजूद होना जरूरी हैं। पहले वो किसी दोस्त को भी साथ ला सकती थी।

ये भी पढ़ेः हमारा मुंह मत खुलवाइए…सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ED को फटकार, पूछा- राजनीतिक लड़ाई के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल क्यों ?

सरकार और कोर्ट का मकसद क्या है?

इन नियमों का असली उद्देश्य है फर्जी और जबरन कराई गई शादियों को रोकना और नाबालिग लड़कियों की शादी ना होने देना। शादी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी बनाना ताकि शादी के नाम पर होने वाले धोखे और अपराधों को खत्म कर सकें। गाजियाबाद अब विवाह पंजीकरण का ‘इजी टारगेट’ नहीं रहा। कोर्ट और सरकार दोनों ने मिलकर सख्ती की हैं। अब अगर आप गाजियाबाद में शादी रजिस्टर्ड कराना चाहते हैं, तो स्थानीय निवासी होने के साथ-साथ परिवार की मौजूदगी और सभी दस्तावेज पूरे होने जरूरी हैं। ये बदलाव समाज की भलाई और कानून की रक्षा के लिए किया गया हैं।

Tags

ghaziabad