Yogi government gave rights : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बीते आठ साल में वंचितों, दलितों और कमजोर वर्गों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। 2017 से पहले लोकहित की योजनाएं अक्सर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती थीं, लेकिन योगी सरकार ने पारदर्शी और तकनीकी प्रणाली के जरिए इन्हें सही लाभार्थियों तक पहुंचाया।
वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या 37.47 लाख से बढ़कर 67.50 लाख हो गई, जो करीब 80% की वृद्धि है। पेंशन राशि ₹300 से बढ़ाकर ₹1000 मासिक कर दी गई। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 2017 में जहां केवल 86 हजार परिवारों को सहायता मिली, वहीं 2024-25 में यह संख्या 8.72 लाख हो गई।
छात्रवृत्ति योजनाओं का पूर्ण डिजिटलीकरण कर 1.70 करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाया गया। जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय में आठ साल में 2.65 लाख से अधिक छात्रों को मुफ्त शिक्षा, आवास, यूनिफॉर्म और किताबें मिलीं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत 76,000 से अधिक अभ्यर्थियों को मुफ्त कोचिंग दी गई, जिनमें 800 से ज्यादा ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाई।
दलित अत्याचार के मामलों में कमी आई और पीड़ित परिवारों को समयबद्ध आर्थिक सहायता मिली। स्वरोजगार योजनाओं के तहत 1.08 लाख दलित युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया और 1.20 लाख को ऋण व अनुदान दिया गया। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना से 1,951 दलित बहुल गांवों में 93,400 विकास कार्य हुए, जिससे 19 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 4,76,207 जोड़ों की शादी कराई गई, जिससे जरूरतमंद परिवारों का आर्थिक बोझ कम हुआ।
पीएम-जनमन के तहत कमजोर जनजातीय समूहों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी और आवास की सुविधाएं दी गईं। बुक्सा जनजाति के सभी 815 परिवारों को योजनाओं से जोड़ा गया और 42 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में बदला गया। आठ साल में योगी सरकार ने न केवल योजनाओं का दायरा बढ़ाया बल्कि उनके प्रभाव को कई गुना किया। इससे समाज के कमजोर वर्गों में अधिकार, सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी पहुंची है।