PM E-Drive: भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल इनहांसमेंट (PM E-Drive) योजना की समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है। उद्योग मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि अब यह योजना मार्च 2028 तक प्रभावी रहेगी, जबकि पहले इसका समापन मार्च 2026 में होने वाला था।
इस योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के लिए सस्ती और प्रभावी इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। योजना के तहत, ग्राहकों को सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी और भी सस्ती हो जाती है। साथ ही, पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टेस्टिंग फैसिलिटी और इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी के लोकलाइजेशन को भी समर्थन मिलता है।
1 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई इस योजना के तहत 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसे अगले 2 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार ने 7 अगस्त को एक अधिसूचना जारी करते हुए यह बताया कि योजना में अब “इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024)” को भी शामिल कर लिया गया है, जो पहले अप्रैल से सितंबर 2024 तक लागू थी।
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इस योजना के तहत 40 लाख से अधिक आबादी वाले 9 प्रमुख भारतीय शहरों में लगभग 24.8 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.2 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक ट्रकों और एम्बुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपये तक के सहयोग का प्रावधान भी किया गया है।
योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के खरीदारों को वित्त वर्ष 2025 में 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटे (kWh) की सब्सिडी मिलेगी। अगले साल 2026 में यह सब्सिडी घटकर 2,500 रुपये प्रति kWh हो जाएगी। हालांकि, यह सब्सिडी वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का अधिकतम 15 प्रतिशत तक सीमित रहेगी।
इसके अलावा, चार पहिया वाहनों के लिए 22,000 पब्लिक चार्जर और इलेक्ट्रिक बसों के लिए 1,800 चार्जर स्थापित किए जाएंगे। इन कदमों का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं के लिए चार्जिंग की सुविधाओं को बढ़ाना और ईवी टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना है।
हालांकि, इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए दी जाने वाली सब्सिडी आगामी 31 मार्च, 2026 तक ही उपलब्ध होगी। वहीं, इलेक्ट्रिक बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस के लिए सब्सिडी मार्च 2028 तक जारी रहेगी। इस स्कीम के लिए बजट सीमित है, और यदि निर्धारित समय से पहले आवंटन समाप्त हो जाता है, तो संबंधित सब-कंपोनेंट्स को बंद किया जा सकता है।
यह कदम इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के इच्छुक भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और सरकार का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ परिवहन में योगदान देना है।