IND vs ENG 4th Test : इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम शानदार प्रदर्शन के बावजूद 1-2 से पिछड़ चुकी है. जिसके बाद 23 जुलाई से मैनचेस्टर में होने वाला टेस्ट भारत के लिए बेहद अहम है. इस मैच से पहले टीम को न सिर्फ कठिन परिस्थितियों का सामना करना है, बल्कि आंकड़े भी उनके खिलाफ हैं. वहीं टीम के स्टार खिलाड़ी गौतम गंभीर और शुभमन गिल की चोटों ने टीम की चिंताएं और बढ़ा दी हैं.
भारत को मैनचेस्टर टेस्ट में 89 साल से जीत का इंतजार है, जो टीम के लिए एक और बड़ा मानसिक दबाव है. इसके अलावा, 1-2 से पिछड़ने के बाद भारत ने कभी भी किसी टेस्ट सीरीज में वापसी कर जीत हासिल नहीं की है. अगर भारत इस बार वापसी करता है और सीरीज ड्रॉ कर लेता है तो वह इतिहास रच सकता है.
गौतम गंभीर के लिए यह स्थिति ‘करो या मरो’ की हो गई है. उनके कोच बनने के बाद भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा है. गंभीर के कोच बनने के बाद भारतीय टीम ने 13 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से 8 में हार का सामना करना पड़ा, 4 में जीत मिली और 1 मैच ड्रॉ हुआ. खासकर, घर पर न्यूजीलैंड से 0-3 की क्लीन स्वीप हार ने सवाल खड़े किए हैं.
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गंभीर के लिए मैनचेस्टर टेस्ट में टीम की हार या ड्रॉ की स्थिति से बचना जरूरी होगा. यदि भारतीय टीम 1-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करती है और सीरीज ड्रॉ कर लेती है, तो शुभमन गिल कप्तान के तौर पर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित कर सकते हैं.
इतिहास में केवल तीन टीमें ऐसी रही हैं जिन्होंने 1-2 से पिछड़ने के बाद सीरीज जीती या ड्रॉ कराई. इंग्लैंड ने 1998 में 0-1 से पिछड़ने के बाद सीरीज जीती थी, वहीं वेस्टइंडीज ने 1992-93 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और ऑस्ट्रेलिया ने 1936-37 में इंग्लैंड के खिलाफ वापसी की थी. भारत की चुनौती अब मैनचेस्टर टेस्ट में इतिहास बदलने की है, लेकिन इसके लिए उन्हें गंभीर, गिल और पूरी टीम को चोटों और मानसिक दबाव से उबरकर बेहतरीन क्रिकेट खेलना होगा.