Written By: Jesika verma
Kotilingeshwara Temple: कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित छोटा सा गांव कामां सांद्रा में, एक ऐसा मंदिर है जहां शिव के एक करोड़ (10 मिलियन) शिवलिंग स्थापित किए गए हैं। इसलिए इसका नाम ‘कोटिलिंगेश्वर’ पड़ा है ‘कोटी’ का मतलब होता है ‘एक करोड़’। यहां लाखों शिवलिंग लगे हुए हैं, जिन्हें भक्त स्वेच्छा से मंदिर परिसर में लाते हैं।
यह मंदिर एशिया में सबसे बड़ा शिवलिंग रखने वाले स्थानों में से एक है। मुख्य शिवलिंग लगभग 108 फीट (33 मीटर) ऊंचा है और इसके सामने करीब 11 मीटर ऊंचे नंदी की विशाल मूर्ति भी है। यह दृश्य देखकर भक्तों का मन श्रद्धा से भर जाता है।
माना जाता है कि यहां अब तक 90 लाख से ज्यादा शिवलिंग स्थापित किए गए हैं, और भक्त रोज नया शिवलिंग जोड़ते हैं। हर लिंग एक कहानी, एक इच्छा और एक श्रद्धा की अभिव्यक्ति होती है। यह निरंतर बढ़ने वाला मंदिर ही इसकी खासिता है।
यह मंदिर 1980 में स्वामी संबाशिव मूर्ति जी द्वारा बनाया गया था। तब से यह धीरे-धीरे बढ़ता चला गया, और आज लाखों लोग यहां आते हैं। खासकर महाशिवरात्रि के दिनों में हजारों श्रद्धालु पंडाल भर देते हैं।
मंदिर में भंडारे, शौचालय, विवाह हाल, ध्यान कक्ष, प्रदर्शनी केंद्र, और पार्किंग की सुविधाएं मौजूद हैं। शिवलिंग लगाने वाले भक्तों को नाम लिखकर देना होता है और इसके बाद उन्हें पूजा के लिए बुलाया जाता है। मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है और रात 9 बजे बंद होता है।
बेंगलुरु से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है। सड़क मार्ग से आना आसान है, NH‑75 से कोलार होते हुए गांव तक पहुंचा जा सकता है। लगभग 2.5 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अगर दिल्ली से आ रहे हों, तो बेंगलुरु एयरपोर्ट का विकल्प है। कोटिलिंगेश्वर मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भक्ति, समर्पण और आत्मा की यात्रा का प्रतीक है।
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