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Sawan Putrada Ekdashi 2025: संतान प्राप्ति और सुखी पारिवारिक जीवन के लिए करें ये व्रत, जानिए क्या हैं तिथि और महत्व

Sawan Putrada Ekadashi 2025
inkhbar News
  • Last Updated: August 1, 2025 13:18:55 IST

Sawan Putrada Ekdashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो संतान सुख की कामना रखते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह एकादशी का व्रत 5 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा।

पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय राजा महिजीत संतानहीन थे। उन्होंने ऋषियों की सलाह पर पुत्रदा एकादशी का व्रत किया और उन्हें एक योग्य पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से यह व्रत संतान प्राप्ति और संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए किया जाता है।

पुत्रदा एकादशी व्रत और पूजा विधि

1. व्रती को एक दिन पहले यानी दशमी तिथि की रात सात्विक भोजन करके नियमपूर्वक सोना चाहिए।

2. एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।

3. भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें और पीले वस्त्र पहनाएं।

4. तुलसी पत्र, पीले फूल, पंचामृत और फल-मेवा अर्पित करें।

5. विष्णु सहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।

6. दिन भर व्रत रखकर शाम को पूजा कर भगवान विष्णु की आरती करें।

7. द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर उपवास समाप्त करें।

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सावन में व्रत का विशेष महत्व

सावन का महीना भगवान शिव और विष्णु दोनों का प्रिय माना जाता है। इस महीने में किया गया कोई भी धार्मिक कार्य और व्रत कई गुना फल देता है।
पुत्रदा एकादशी एक ऐसा पावन अवसर है, जब श्रद्धा और भक्ति से भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। यह व्रत न केवल संतान के इच्छुक दंपतियों के लिए लाभकारी है, बल्कि संतान की लंबी उम्र और सफ़लता के लिए भी किया जाता है।