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राजस्थान में 10 हिंदू पाक विस्थापितों को मिली भारत की नागरिकता, प्रमाणपत्र मिलते ही खिले चेहरे

Rajasthan News
inkhbar News
  • Last Updated: August 7, 2025 16:26:33 IST

Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर में आज हिंदू-पाक विस्थापितों के चेहरे उस समय खिल गए जब 10 पाक विस्थापितों को राजस्थान की भजनलाल सरकार ने भारत की नागरिकता का सर्टिफिकेट दे दिया है। बरसों से भारत की नागरिकता पाने के लिए तरस रहे इन नागरिकों के चेहरे पर अब एक गजब का सुकून और मुस्कुराहट दिखाई दी।

प्रभारी मंत्री और कलेक्टर ने सौंपा प्रमाणपत्र

दरअसल, गुरुवार को प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल और जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने 10 हिंदू पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपा। जिसके बाद ये नागरिक अब पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारतीय (Rajasthan News) कहलाए जाएंगे।

ये लोग कहलाएंगे भारतीय

संतोष, सुनीत और राजकुमारी तीन भाई-बहन अब भारतीय कहलाए जाएंगे। चमेली, मुकेश, कलियां देवी, कंवरलाल, खिआना माहेश्वरी…ये वो लोग हैं जिनके लिए ये दिन जिंदगी की सबसे बड़ी जीत की तरह है। इसके साथ ही संगीता और हरिचंद को भी भारतीय नागरिकता मिल गई।

जिंदगी का सबसे अहम दिन

भारत का सर्टिफिकेट पाने के बाद इन लोगों ने कहा- ये दिन हमारी जिंदगी का सबसे अहम दिन है। अब हमें कोई भारत का मेहमान नहीं कहेगा। बल्कि अब हम भी भारतीय कहलाए जाएंगे। बच्चों का दाखिला हो या अस्पताल का इलाज अब कोई नहीं कहेगा आईडी (Rajasthan News) दिखाओ। अब हम भी कह सकेंगे हम भारत के हैं।

पाकिस्तान में नर्क की तरह थी जिंदगी

इस दौरान उन लोगों ने पाकिस्तान में गुजरी ‘आप बीती’ भी बताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बेटियां बाहर नहीं निकल सकती थीं, बहुओं पर लोगों की गंदी निगाहें रहती थीं। त्योहारों पर तिलक लगाना गुनाह मान लिया जाता था। पाकिस्तान में घर में पूजा की घंटी भी नहीं बजा सकते थे। जेल से भी बदतर जिंदगी थी वहां।

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उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान में बच्चों को स्कूल में कहा जाता था कि इस्लाम अपना लो जन्नत मिलेगी। अगर आज भी पाकिस्तान में होते, तो शायद जिन्दा तो होते, पर इंसान नहीं रहते। अब यहां भारत में सुकून है, सुरक्षा है और सबसे बड़ी बात इज्जत है। इस दौरान प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल और कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने अपने हाथों से हमें भारतीय नागरिकता (Rajasthan News) सर्टिफिकेट सौंपा, तो ऐसा लगा जैसे बरसों पुरानी तलाश अब खत्म हुई हो।

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