Rajasthan: राजस्थान में मॉनसून की सक्रियता ने एक बार फिर अपना कहर मचाया है। बुधवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। जयपुर, कोटा, अलवर, सीकर, अजमेर और भरतपुर जैसे जिलों में भारी बारिश के चलते जलभराव की स्थिति बन गई है। कई निचले इलाकों में पानी घरों और दुकानों में घुस गया है।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को भी राज्य के अनेक हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान के लिए रेड अलर्ट घोषित किया है, जिसमें जयपुर, दौसा, भरतपुर, टोंक, बूंदी और कोटा शामिल हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
लगातार बारिश के कारण कई शहरों की सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। जयपुर और कोटा में कई बस रूटों को बंद कर दिया गया है और ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है। बारिश के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने और बिजली के खंभे उखड़ने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
कुछ जिलों में जिला प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों को एहतियात के तौर पर बंद रखने का आदेश दिया है। राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF और NDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं। जलभराव वाले इलाकों में नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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तेज बारिश से खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। खासकर बाजरा, मूंग और तिल की फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। कृषि विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 48 घंटे राज्य के लिए बेहद संवेदनशील हो सकते हैं। बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के चलते राजस्थान में भारी बारिश का सिलसिला कुछ दिनों तक और जारी रह सकता है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।