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भारतीयों को है पोर्न कंटेंट देखने की गंदी लत… हैरान कर देंगे आंकड़े  

Porn viewership India : Indians have a dirty addiction of watching porn content...
inkhbar News
  • Last Updated: July 25, 2025 16:29:58 IST

Porn viewership India : भारत सरकार ने 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया है क्योंकि इन पर अश्लील, आपत्तिजनक और पोर्नोग्राफिक कंटेंट परोसा जा रहा था और यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाया कि ये प्लेटफॉर्म, जैसे उल्लू, ALTT, Desiflix और Big Shots जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म अपमानजनक तरीके से महिलाओं को  चित्रित करते थे यह सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए हानिकारक है. जिसके बाद सरकार ने आईटी एक्ट 2000 की धारा 67, 67A, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 294 और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा 4 के तहत यह कार्रवाई की.

इन सब के बीच लोगों गूगल पर तरह तरह की चीजों को सर्च कर रहे हैं.यह भी खोजा जा रहा है कि भारत में पोर्न कंटेंट देखने को लेकर आंकड़े क्या कहते हैं. क्या आप जानते हैं भारतीयों को है पोर्न कंटेंट देखने की गंदी लत लगी हुई है.अलग सोर्स से जो रिपोर्ट मिलती है उसके आंकड़े हैरान करने वाले हैं.

डिजिटल युग ने पोर्न कंटेंट तक पहुंच को बनाया है आसान

पोर्न कंटेंट परोसने वाली एक वेबसाइट  पोर्नहब की रिपोर्ट  बताती है कि भारत में पोर्नोग्राफी की खपत और सर्च की दर में लगातार वृद्धि हो रही है.इस विषय पर विभिन्न अध्ययन और रिपोर्ट्स के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में पोर्न का प्रचलन एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या बन चुका है.

दुनिया की सबसे बड़ी पोर्न वेबसाइटों में से एक पॉर्नहब ने 2018 में अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि भारत इस वेबसाइट पर सबसे ज्यादा विज़िट्स करने वाले देशों में तीसरे स्थान पर था. पोर्नहब के अनुसार बेवसाइट पर भारत से 33.5 बिलियन विज़िट्स होते है. औसतन 9.2 करोड़ यूजर्स प्रतिदिन पोर्नहब पर आते थे जो भारत में इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है.

मोबाइल पर पोर्न देखने मामले में भारत पहले स्थान पर

2018  के बाद जब 2020 में एक बार फिर से सर्वे हुआ तो पोर्नहब की  रिपोर्ट में भी यह देखा गया कि भारत में मोबाइल और स्मार्टफोन पर पोर्न देखने की प्रवृत्ति में 3% की वृद्धि हुई थी. ज्ञात हो कि भारत में 45 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं. इसके साथ साथ सस्ते इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती उपलब्धता ने डिजिटल युग ने पोर्न कंटेंट तक पहुंच को आसान बना दिया है.

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वैश्विक स्तर पर भारत ने मोबाइल पर पोर्न देखने के मामले में पहले स्थान पर अपना नाम दर्ज किया है. इसके बाद अमेरिका (81%) और ब्राजील (79%) का नंबर आता है. यह दर्शाता है कि भारत में पोर्न कंटेंट का प्रमुख स्रोत अब मोबाइल डिवाइस बन चुका है.

महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि

पोर्नहब और द डेली बीस्ट द्वारा 2015 में किए गए  एक अध्ययन में यह पाया गया कि भारत में ऑनलाइन पोर्न देखने वाली महिलाओं की संख्या 26% से बढ़कर 30% हो गई है. वैश्विक स्तर पर भारतीय महिलाएं पोर्न देखने में चौथे स्थान पर हैं,जबकि फिलीपींस (38%) और ब्राजील (35%) पहले और दूसरे स्थान पर हैं. यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि महिलाओं की पोर्न देखने की लत में लगातार वृद्धि हो रही है,विशेष रूप से लेस्बियन पोर्न की देखने की. कोविड-19 महामारी के दौरान जब लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की वजह से लोग घर पर थे,पोर्न की खपत में अत्यधिक वृद्धि देखी गई. इस दौरान भारत में पोर्न खपत में 95% तक की वृद्धि हुई यह चिंताजनक आंकड़ा है.

भारत में कितने लोग  पोर्न देखते है

इंडिया टुडे द्वारा 2019 में किए गए सेक्स सर्वे में पाया गया कि 79% भारतीयों ने यह स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से या कभी-कभी पोर्न देखते हैं. इस सर्वे में 85.5% पुरुषों और 71% महिलाओं ने पोर्न देखने की बात कबूल की. सर्वे के दौरान 4,028 लोगों से सवाल किए गए थे,जिनमें से बड़ी संख्या में युवा और मिडल एज समूह शामिल थे.

2015 में गूगल ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया कि भारत के छह प्रमुख शहरों दिल्ली, पुणे, मुंबई, हावड़ा, उन्नाव, और बेंगलुरु में सबसे अधिक पोर्न सर्च किए जाते हैं. इस अध्ययन ने यह दर्शाया कि बड़े और मध्यवर्गीय भारतीय शहरों में पोर्न कंटेंट के प्रति रुचि सबसे अधिक है.

क्या है भारत का कानून

आईटी एक्ट 2000, सेक्शन 67 और IPC की धारा 292, 293 के अनुसार भारत में पोर्नोग्राफी का उत्पादन, वितरण, और सार्वजनिक प्रदर्शन कानूनी रूप से प्रतिबंधित है. हालांकि व्यक्तिगत रूप से पोर्न देखना गैरकानूनी नहीं है लेकिन यह चाइल्ड पोर्नोग्राफी या हिंसा से संबंधित न हो. भारतीय सरकार ने 2015 और 2018 में 800 से अधिक पोर्न वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर भी सस्ते इंटरनेट और स्मार्टफोन की उपलब्धता के कारण इन प्रतिबंधों को पूरी तरह से लागू करना मुश्किल हो गया है.