India’s economy : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत तेजी से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और यह गति सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की भावना से प्रेरित है. प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत को एक मृत अर्थव्यवस्था कहे जाने के कुछ ही दिनों बाद आई है.
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 11 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर 10वें स्थान से शीर्ष पांच में पहुंच गई है, तथा शीर्ष तीन में शामिल होने की राह पर है.
बेंगलुरु मेट्रो फेज-3 के शिलान्यास समारोह में बोलने से पहले पीएम ने तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए और मेट्रो रेल येलो लाइन का उद्घाटन किया.इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत के विकास को रेखांकित किया और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत किया. उन्होंने कहा कि हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं. हमें यह गति कैसे मिली? हमें यह सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की भावना से मिली है. उन्होंने आगे कहा कि यह गति स्पष्ट इरादे और ईमानदार प्रयासों से हासिल हुई है.
बुनियादी ढांचे के बारे में मोदी ने कहा कि 2014 में मेट्रो रेल सेवाएं पांच शहरों तक सीमित थीं, लेकिन अब ये 24 शहरों में 1,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैली हुई हैं, जिससे भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है. रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण 2014 से पहले के 20,000 किमी से दोगुना होकर 2025 तक 40,000 किमी हो गया है. हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 160 से अधिक हो गई है, तथा राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 3 से बढ़कर 30 हो गई है.
उन्होंने कहा कि 2014 तक देश में 7 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और 387 मेडिकल कॉलेज थे. अब इनकी संख्या बढ़कर 22 एम्स और 704 मेडिकल कॉलेज हो गई है, जो लोगों की सेवा कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि भारत की तीव्र प्रगति के साथ-साथ गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों का जीवन भी बदल रहा है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कुल निर्यात 468 अरब अमेरिकी डॉलर था, लेकिन आज यह 824 अरब अमेरिकी डॉलर है. हम पहले मोबाइल फोन आयात करते थे, लेकिन अब हम मोबाइल हैंडसेट के शीर्ष पाँच निर्यातकों में शामिल हैं. 2014 से पहले हमारा इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 6 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो अब बढ़कर 38 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अगली बड़ी प्राथमिकता प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता होनी चाहिए. भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने दुनिया भर में सॉफ्टवेयर और उत्पाद विकसित करके वैश्विक पहचान हासिल की है. भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात भी दोगुने से अधिक हो गया है, जिससे यह विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्यातक बन गया है. ये उपलब्धियाँ आत्मनिर्भर भारत की हमारी अवधारणा को बल देती हैं . हम सब मिलकर आगे बढ़ेंगे और एक विकसित भारत का निर्माण करेंगे.