Bihar Election: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जहां एक तरफ राजनीतिक पार्टियां जमीनी स्तर पर चुनाव में लग गई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग द्वारा भी चुनावी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बिहार में इस वक्त मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम चल रहा है, जो अपने आखिरी चरण में है. बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए अब केवल 7 दिन बाकी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.48 करोड़ (94.68%) के गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, जबकि41.10 लाख (5.2%) मतदाताओं के फॉर्म मिलने बाकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबित, बिहार में अब तक 7.11 करोड़ (90.12%) ईएफ एकत्र किए गए हैं, जिनमें से 6.85 करोड़ (86.79%) का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है. इसमें 36.86 लाख (4.67%) मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, जबकि 12.71 लाख (1.61%) मृत पाए गए. स्थायी रूप से स्थानांतरित होने वाले मतदाताओं की संख्या 18.16 लाख (2.3%) है, वहीं 5.92 लाख (0.75%) मतदाता एक से अधिक स्थानों पर नामांकित हैं।
बता दें कि अगर मतदाता का इस सूची में नाम किसी कारण छूट जाता है, तो उन्हें एक और मौका आयोग (Bihar Election) द्वारा दिया जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार, 1 अगस्त, 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसमें सुधार या नाम शामिल करने के लिए नागरिकों और राजनीतिक दलों को पूरे एक महीने का समय मिलेगा। वहीं ड्राफ्ट सूची की डिजिटल और प्रिंटेड कॉपियां राजनीतिक दलों को मुफ्त में दी जाएंगी और आम जनता के लिए आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी।
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बिहार में “SIR” का मतलब Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण) है जून 2025 में शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा करना—मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट या विदेशी नाम हटाना और नए रिकॉर्ड (Bihar Election) जोड़ना था. 7.9 करोड़ मतदाताओं में से अब तक लगभग 94.7% ने फॉर्म जमा कर दिए हैं; करीब 35.5 लाख नाम संभावित रूप से हटाए जा सकते हैं क्योंकि या तो वे मृत पाए गए, किसी और जगह रह रहे हैं या विदेशी नागरिक हैं। आयोग का लक्ष्य है 1 अगस्त को ड्राफ्ट रोल प्रकाशित करना। हालांकि विपक्षी दलों ने प्रक्रिया और समय पर सवाल उठाए हैं।
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