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10 दिनों के भीतर चीफ जस्टिस की अदालत में होगी सुनवाई, 107 लोगों ने दाखिल की थी याचिका

Banke Bihari Temple Corridor
inkhbar News
  • Last Updated: July 29, 2025 17:35:04 IST

Banke Bihari Temple Corridor: वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के आस-पास रहने वाले मूल निवासियों के प्रार्थना पत्रों पर अधिवक्ता एपी सिंह की याचिका पर जजों की डबल बेंच ने सुनवाई की। जिसके बाद मामले को सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की अदालत में भेज दिया गया। अब 10 दिन के भीतर चीफ जस्टिस मामले की सुनवाई करेंगे।

अधिवक्ता एपी सिंह ने दाखिल की थी याचिका

दरअसल, अधिवक्ता एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में 107 प्रार्थना पत्रों पर 14 जुलाई को कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद आज यानी 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में शामिल जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्रा ने सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि विरासत को संभालते हुए विकास किया जाए।

मुगल और ब्रिटिश हुकूमत के समय से विरासत की श्रेणी में हैं कुंज गलियां

अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि कुंज गलियां मुगल और ब्रिटिश हुकूमत के समय से विरासत की श्रेणी में हैं। बिहारीजी मंदिर के पास कॉरिडोर न बनाकर यमुना की खादर जहां कालीदह, जुगल घाट या केसी घाट पर निर्माण किया जाए। यहीं पर श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं (Banke Bihari Temple Corridor) मुहैया कराई जाएं और कनेक्टिंग पुल बनाकर श्रद्धालुओं को मंदिर तक लाया जाए। इतना ही नहीं, भीड़ नियंत्रण के लिए पंजीकरण से दर्शन कराने की व्यवस्था की जाए।

CJI कोर्ट में भेजी गई याचिका

अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि जजों ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए CJI की कोर्ट में भेज दिया है। जल्द ही चीफ जस्टिस की कोर्ट में याचिका सूचीबद्ध होगी। उन्होंने संभावना जताई कि 7 से 10 दिन के अंदर चीफ जस्टिस द्वारा मामले में सुनवाई की जाएगी। बता दें कि देवेंद्र गोस्वामी और अन्य की याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इन याचिकाओं को भी सम्बंधित जजों ने चीफ जस्टिस की अदालत में भेज दिया है।

कितने मंदिरों का सरकारों ने हाथ में लिया नियंत्रण

हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित ऐतिहासिक बांके बिहारी मंदिर की प्रबंधन समिति से कहा कि वह (Banke Bihari Temple Corridor) पता करें कि भारत में कितने मंदिरों का प्रशासनिक नियंत्रण सरकारों ने कानूनों के जरिए अपने हाथ में ले लिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रबंधन समिति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा, ‘सरकार और राज्य ने कितने मंदिरों का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है? उन्हें जो भी दान मिल रहा हो… बेहतर होगा कि आप वहां जाएं और पता करें।’

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