Written By: Jesika verma
Bulandshahr: उन्हें वर्षों तक कोर्ट से दूर भागते देखा गया, लेकिन आखिरकार नोएडा के सेक्टर-50 में छापे के बाद पप्पू उर्फ मनोज त्यागी को बुलंदशहर पुलिस ने धर दबोचा।
बुलंदशहर पुलिस ने 6 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-50 स्थित घर में छापा मारकर पप्पू त्यागी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे न्यायालय में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
हत्याकांड 1981 में कोतवाली देहात इलाके के सुनैहरा गांव में छात्र संघ चुनाव के दौरान हुआ था। विवाद के दौरान गणेश दत्त की हत्या का दोष पप्पू त्यागी पर लगा था। 1984 में सत्र न्यायालय ने उसे दोषी ठहराया था।
दोष सिद्ध होने के बाद त्यागी ने हाईकोर्ट में अपील की और जमानत पर रिहा हो गया। जमानत मिलने के बाद वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ और फरार घोषित कर उसे वारंटी बना दिया गया। तब से वह पुलिस की नजरों से दूर रखने में कामयाब रहा।
संप्रति मिली सूचना के आधार पर कोतवाली देहात पुलिस ने यह छापा मारा। पुलिस की लगातार कोशिशों और तार्किक कतारबद्ध जांच के चलते आखिरकार इस केस में आखिर समझौता खत्म हो पाया। यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता कही जा रही है।
41 वर्षों तक फरार रहने के बावजूद अंतिम वांछित व्यक्ति को न्याय के कटघरे में लाना व्यवस्था की अंतिम सफलता बताता है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि समय चाहे कितना भी लंबा हो, लेकिन कानून और न्याय की धारा कार्रवाई अंतिम सभी को पकड़ती है। इस गिरफ्तारी ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद दी है, बल्कि समाज में भी यह संदेश दिया है कि अपराध कितना भी पुराना हो, न्याय से बच पाना असंभव है और कानून का हाथ हमेशा लंबा होता है।