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बिहार में SIR…ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप का दावा, मानसून सत्र में किन मुद्दों पर मच सकता है सियासी संग्राम

SIR in Bihar can political battle take place in the monsoon session
inkhbar News
  • Last Updated: July 21, 2025 14:13:02 IST

Monsoon session : संसद का मानसून सत्र आज यानी की 21 जुलाई से शुरू हो रहा. यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र में सियासी हलचल और तीखी बहस की पूरी उम्मीद है,क्योंकि एक तरफ जहां विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को कई गंभीर मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार कर रखी है और सियासी गलियारों और चौराहों पर गूंज रहे सवाल अब संसद की दीवारों के भीतर गूंजने को तैयार हैं. तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने दावा किया है कि वह विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सत्र जनता के सवालों को जवाब दे पाएगा या फिर सियासी तूफान में बह जाएगा?

विपक्ष का सरकार पर दबाव

विपक्ष ने इस बार संसद में जिन मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. इनमें बिहार में मतदाता सत्यापन (वोटर वेरिफिकेशन) की प्रक्रिया, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और युद्ध की आशंकाओं पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे, और सीजफायर जैसे मुद्दे शामिल हैं. विपक्ष ने खास तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच 20 से ज्यादा बार युद्ध को रोका. विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन सभी मुद्दों पर संसद में स्पष्ट जवाब देने की मांग की है.

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की रणनीति बनाई है. विपक्ष का कहना है कि सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है और जनता को जवाब देने से बच रही है. खास तौर पर बिहार में मतदाता सत्यापन की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं, जहां विपक्ष ने पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं और ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों पर भी सरकार से जवाब मांगा जा रहा है.

सरकार का दावा, हर सवाल का जवाब देंगे

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सत्र शुरू होने से पहले स्पष्ट किया कि सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा. हम हर सवाल का जवाब देंगे और रचनात्मक चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार ने यह भी दावा किया है कि वह सभी मुद्दों पर पारदर्शी और तथ्यपरक जवाब देगी.

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हालांकि विपक्ष के तीखे तेवर और सवालों की लंबी फेहरिस्त को देखते हुए संसद में हंगामे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. पिछले कुछ सत्रों में भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और कार्यवाही बाधित होने की घटनाएं देखने को मिली हैं. इस बार भी अगर दोनों पक्षों के बीच तालमेल की कमी रही तो सत्र के सियासी तूफान में बहने की आशंका है.

मानसून सत्र पर जनता की नजर

इस मानसून सत्र में उठाए जाने वाले सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार है. इनमें प्रमुख सवाल है

  • बिहार में मतदाता सत्यापन
  • पहलगाम आतंकी हमला
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • भारत-पाक सीजफायर और ट्रंप का दावा
  • आर्थिक और सामाजिक मुद्दे

क्या हंगामे और नारेबाजी की भेंट चढ़ सकता है सत्र ?

संसद का मानसून सत्र हर बार की तरह इस बार भी सियासी रंग में रंगा हुआ है. विपक्ष की आक्रामक रणनीति और सरकार के जवाबी दावों के बीच यह सत्र कितना रचनात्मक होगा, यह देखना बाकी है. लेकिन दोनों पक्षों के बीच तालमेल और रचनात्मक चर्चा की कमी रही तो यह सत्र भी हंगामे और नारेबाजी की भेंट चढ़ सकता है. जनता की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या इस सत्र में उनके सवालों के जवाब मिलेंगे, या फिर यह सत्र भी सियासी नूरा-कुश्ती तक सीमित रह जाएगा.