RBI Repo Rate : आरबीआई की MPC बैठक में रेपो रेट पर अपना फैसला सुना दिया है। RBI Repo Rate ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है। रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने लोन ले रखा है, उनकी EMI भी नहीं घटेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर आरबीआई (RBI Monetary Policy) के रेपो रेट घटाने पर ही बैंक लोन दरों में कटौती करते हैं जिससे EMI भी कम हो जाती है।
RBI गवर्नर ने कहा कि कोर मुद्रास्फीति 4% के आसपास स्थिर है, जबकि ग्रामीण उपभोग अस्थिर है। वित्त वर्ष 26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई) 3.1% रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 27 के लिए खुदरा महंगाई 4.9% रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि चालू वर्ष के लिए 6.5% वास्तविक जीडीपी (GDP) ग्रोथ का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.6% रहने का अनुमान है। बता दें कि इससे पहले, आरबीआई ने इस साल फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी, जो पिछले पांच वर्षों में पहली राहत थी। इसके बाद रेपो रेट 6.25% हो गया था। फिर अप्रैल में 25 बेसिस प्वाइंट की और कटौती की गई। इसके बाद जून में केंद्रीय बैंक ने अप्रत्याशित रूप से 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, जिससे रेपो रेट घटकर 5.5% रह गया।
RBI गवर्नर ने कहा कि पिछले साल कुल बैंक क्रेडिट की ग्रोथ धीमी रही, लेकिन अर्थव्यवस्था में फाइनेंशियल रिसॉर्सेज का ओवरऑल फ्लो वित्त वर्ष 2023-24 के 33.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर पिछले साल 34.8 लाख करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने आगे कहा कि यह रुझान चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भी जारी रहेगा।
आरबीआई के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) अब 688.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो देश के लगभग 11 महीने के आयात को कवर कर सकता है। ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी भी तेज रफ्तार पकड़ते हुए 4 % के पार हो गई है।