Parliament monsoon session live : संसद के मानसून सत्र का पहला दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा. विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर स्थगित रही. विपक्ष के नेताओं का कहना था कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिकों की वीरता पर चर्चा की जानी चाहिए ताकि सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर जवाबदेही तय की जा सके.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं को आश्वस्त किया कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष ने अपनी मांग पर जोर देते हुए कार्यवाही में रुकावट डाली. इसके बावजूद सरकार ने संसद में इस मुद्दे पर समय निर्धारित करने की प्रक्रिया में पहल करते हुए बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक बुलाई.
बैठक में यह फैसला किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों में कुल 25 घंटे का समय निर्धारित किया जाएगा. लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे तक इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी. यह चर्चा अगले हफ्ते शुरू हो सकती है, हालांकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने यह मांग भी की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन में उपस्थित रहकर इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी विपक्षी दलों का एक मत है कि प्रधानमंत्री को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सदन में उपस्थित रहना चाहिए, ताकि वे इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें.
वहीं कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने बैठक के बाद बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी BAC के फैसले से संतुष्ट नहीं है. गोगोई का कहना था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है. समय निर्धारित करने की कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है और इस मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन भी नहीं मिला है. सरकार को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना चाहिए और वीर सैनिकों को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. गोगोई ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार इस तरह के राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा से क्यों बच रही है? यदि हम अपने सैनिकों के शौर्य को नहीं मानेंगे,तो उन्हें किस प्रकार का संदेश जाएगा?
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बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय किया गया कि इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद में गहन विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा, राष्ट्रीय खेल विधेयक पर भी 8 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया गया है, जबकि मणिपुर के बजट पर 2 घंटे की चर्चा होगी.
इसके अलावा संसद में आयकर बिल पर भी चर्चा की जाएगी. लोकसभा में इस बिल पर 12 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया गया है. साथ ही शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन और उनकी सफल वापसी पर भी चर्चा की जाएगी.