Jaya Bachchan in Rajya Sabha: ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में बुधवार को भी चर्चा हुई। इस दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने सरकार पर आम लोगों से छल करने का आरोप लगाते हुए पहलगाम हमले के पीड़ितों से माफी मांगने की मांग की। सपा सांसद ने कहा कि सरकार ने ही जम्मू कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने का दावा किया था। साथ ही जया बच्चन ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब पहलगाम आतंकी हमले में इतनी सारी महिलाओं का सिंदूर उजड़ गया तो इसका नाम ऐसा क्यों रखा गया।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान जया बच्चन (Jaya Bachchan in Rajya Sabha) ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में मारे गए 26 निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई। उन्होंने अपने संबोधन में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा “यह अजीब सा लगता है कि आतंकियों ने किस तरह धर्म पूछ कर लोगों को उनके अपनों के सामने मार डाला।” सपा सांसद ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों की पत्नियों, बहनों का सिंदूर तो उजड़ गया लेकिन सरकार ने जवाबी कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा। पता नहीं ऐसा नाम क्यों रखा?
वहीं, सत्ता पक्ष को संबोधित करते हुए, जया बच्चन ने कहा, “मैं आपको उन लेखकों के लिए बधाई देती हूं जिन्हें आपने नियुक्त किया है। आप बड़े-बड़े नाम रखते हैं। आपने इसका नाम सिंदूर क्यों रखा? सिंदूर तो उजड़ गया, मारे गए लोगों की पत्नियों का।” हालांकि, जब सत्ताधारी पार्टी के सांसदों (Jaya Bachchan in Rajya Sabha) ने उनके भाषण के बीच टीका-टिप्पणी की तो बच्चन नाराज हो गईं। उन्होंने कहा, “या तो आप बोलें या मैं बोलूँगी। जब आप बोलते हैं, तो मैं बीच में नहीं बोलती। जब कोई महिला बोलती है, तो मैं कभी बीच में नहीं बोलती। इसलिए कृपया अपनी जुबान पर काबू रखें।”
वहीं, इस दौरान जब उनके बगल में बैठीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो जया उन पर भी बिफर गईं। जया ने बगल में बैठीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद से कहा, “प्रियंका, मुझे कंट्रोल मत कीजिए।” जिस पर प्रियंका चतुर्वेदी हंसती नजर आईं।
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सपा सांसद (Jaya Bachchan in Rajya Sabha) ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे खुफिया विफलता पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “आपने लोगों का विश्वास तोड़ा है। पीड़ितों के परिवार आपको कभी माफ नहीं करेंगे।” जया ने कहा “अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में शांति होने, सब कुछ सामान्य होने का दावा किया गया था और तब पर्यटक वहां गए थे। लेकिन उन्हें वहां क्या मिला ? मौत…।”
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