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बायोमेट्रिक, चॉकलेट रैपर…जांच एजेंसी को कैसे पता चला पहलगाम हमलावर पाकिस्तान से आए थे ?

Indian investigating agency know that the Pahalgam attackers came from Pakistan
inkhbar News
  • Last Updated: August 4, 2025 16:07:53 IST

Pahalgam attack : सुरक्षा एजेंसियों ने बायोमेट्रिक साक्ष्य और पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए पुष्टि की है कि 28 जुलाई को दाचीगाम वन मुठभेड़ में मारे गए तीन विदेशी आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे. मुठभेड़ में मारे गए लोगों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के वरिष्ठ आतंकवादियों के रूप में हुई है, जिन्हें श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान मार गिराया गया. वे 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले के बाद से दाचीगाम-हरवान वन क्षेत्र में छिपे हुए थे.

हमलावरों का पाकिस्तान कनेक्शन

अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) से प्राप्त बायोमेट्रिक डेटा, लेमिनेटेड मतदाता पर्चियों, डिजिटल सैटेलाइट फोन डेटा और जीपीएस लॉग सहित एकत्र किए गए साक्ष्यों से उनकी पाकिस्तानी पहचान पूरी तरह से साबित हो गई. उन्होंने पुष्टि की कि हमलावरों में कोई स्थानीय व्यक्ति शामिल नहीं था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहली बार हमारे पास सरकार द्वारा जारी पाकिस्तानी दस्तावेज हैं, जो पहलगाम हमलावरों की राष्ट्रीयता को संदेह से परे साबित करते हैं.

तीनों आतंकवादियों की पहचान इस प्रकार की गई

  • सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट – ए-श्रेणी का आतंकवादी, प्रमुख शूटर और मास्टरमाइंड
  • अबू हमजा उर्फ अफगान – ए-ग्रेड कमांडर और दूसरा शूटर
  • यासिर उर्फ जिब्रान – ए-ग्रेड कमांडर और तीसरा शूटर.

शाह और हमज़ा के शवों से पाकिस्तान द्वारा जारी दस्तावेज़ बरामद किए गए, जिनमें पाकिस्तान चुनाव आयोग की दो लेमिनेटेड मतदाता पर्चियाँ भी शामिल हैं. ये पर्चियां क्रमशः लाहौर (एनए-125) और गुजरांवाला (एनए-79) की मतदाता सूचियों से मेल खाती हैं.

बरामद समान भी पाकिस्तान का

जांचकर्ताओं ने क्षतिग्रस्त सैटेलाइट फोन से एक माइक्रो-एसडी कार्ड भी बरामद किया, जिसमें एनएडीआरए से जुड़ा स्मार्ट-आईडी डेटा – फिंगरप्रिंट, चेहरे के स्कैन और परिवार के पेड़ – थे, जो पुरुषों की नागरिकता और चंगा मंगा (कसूर जिला) और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रावलकोट के पास कोइयन गांव के पते की पुष्टि करते हैं. बरामद अतिरिक्त वस्तुओं में पाकिस्तान में निर्मित सामान भी शामिल था, जैसे कराची में बनी ‘कैंडीलैंड’ और ‘चोकोमैक्स’ चॉकलेट के रैपर. रैपरों पर लगे लॉट नंबर मई 2024 में मुज़फ़्फ़राबाद, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भेजी गई एक खेप से मेल खाते थे.