Written By: Jesika verma
Army Chief General Upendra Dwivedi: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए गोलीकांड के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया एक तेज, सटीक और तकनीकी रूप से समर्थ जवाब। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस ऑपरेशन को ‘शतरंज की चाल’ बताते हुए बताया कि युद्ध की इस नई परिभाषा ने पारंपरिक युद्ध की सीमा को नया स्वरूप दिया।
ऑपरेशन की नींव 23 अप्रैल को रखी गई, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया था, “Enough is enough।” इसके साथ ही तीनों सेवाओं को बिना किसी रोक-टोक के कार्रवाई का निर्देश दिया गया, जिससे सेना की रणनीति और उत्प्रेरणा दोनों मजबूत हुई।
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को ‘grey-zone’ युद्ध का उदाहरण बताया जहां पारंपरिक युद्ध नहीं, बल्कि निगरानी, सटीक हमले और विरोध की चालों का अनुमान लगाया जाता है। उन्होंने कहा, “हमने चेकमेट दिया, और कहीं-कहीं हमने जोखिम उठाया” उक्त रणनीति को उन्होंने शतरंज की खेल के रूप में रूपांतरित किया।
IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल AP सिंह ने बताया कि ऑपरेशन में पांच पाकिस्तानी फाइटर जेट और एक एयरबोर्न Early Warning विमान नष्ट किया गया। इसे भारत की अब तक की सबसे बड़ी सतह-से-वायु मार कार्रवाई बताया गया। साथ ही DRDO के समीर कमत ने बताया कि ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश तीर एयर डिफेंस सिस्टम जैसे स्वदेशी आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जो भारतीय राजनीतिक स्वावलंबन का परिचायक हैं ।
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान लगभग 1,000 पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन जवाबी कार्रवाई में हवा में इंटरसेप्ट किए गए। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि यह सेना की स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का प्रमाण था । एनडीए ने इस ऑपरेशन की प्रशंसा में एक प्रस्ताव पारित करते हुए इसे आतंकवाद के प्रति ‘नई सामान्य’ कार्रवाई बताया।