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इलाहाबाद HC को SC से राहत, वापस लिया अपना आदेश , चीफ जस्टिस को बताया “master of the roster”

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inkhbar News
  • Last Updated: August 8, 2025 12:37:55 IST

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को दिया गया अपना आदेश वापस ले लिया। उस आदेश में कहा गया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस प्रशांत कुमार को रिटायरमेंट तक आपराधिक मामलों की सुनवाई से हटाकर किसी अनुभवी सीनियर जज के साथ बैठाया जाए। कोर्ट ने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार को फटकार लगाने वाले अपने आदेश पर कहा कि हमारा इरादा हाई कोर्ट के जज पर आक्षेप लगाना या उन्हें शर्मिंदा करना नहीं था।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ‘रोस्टर के मास्टर’ हैं…

दरअसल, कोर्ट ने अपनी वह टिप्पणी भी हटा दी जिसमें उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश की ‘सबसे खराब’ आदेश पारित करने के लिए आलोचना की थी। कोर्ट ने कहा कि हम पूरी तरह से मानते हैं कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रोस्टर के मास्टर हैं, हम मामले में फैसला लेने का काम उन पर छोड़ते हैं। बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के एक समूह ने  मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली को पत्र लिखा था।

न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने दोहराया कि यह टिप्पणियां न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए की गई थीं।पीठ ने कहा कि वह भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई के अनुरोध पर इस आदेश को हटा रही है, जिन्होंने मामले पर पुनर्विचार की मांग की थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अगस्त को अपने आदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश के आपराधिक क्षेत्राधिकार पर रोक लगा दी है।  जिसका मतलब है कि न्यायाधीश को किसी भी आपराधिक मामले पर निर्णय नहीं दिया जाएगा। साथ ही, उन्हें सेवानिवृत्ति तक किसी वरिष्ठ न्यायाधीश के साथ खंडपीठ में नियुक्त करने का भी आदेश दिया।

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