Heart Attack: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, अनहेल्दी खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ गया है। कई बार ऐसा होता है कि हार्ट अटैक के लक्षण शुरू हो जाते हैं लेकिन व्यक्ति उस समय अकेला होता है और मदद तुरंत नहीं मिल पाती। जिससे व्यक्ति की जान चली जाती हैं। विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के अनुसार 2019 में लगभग 1.79 करोड़ की मृत्यु हार्ट और ब्लड वेसल्स की बीमारियों से हुई हैं और इनमे से 85% लोगों की मौत का कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक हैं। दिल्ली के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. निखिल अग्रवाल का कहना हैं कि अगर किसी व्यक्ति को अकेले में हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हों तो घबराने की बजाय कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाने चाहिए।
1. शांत रहें और बैठ जाएं-पहले घबराएं नहीं। जितना शांत रहेंगे, दिल पर उतना कम दबाव पड़ेगा। तुरंत बैठ जाएं और कोशिश करें कि पीठ सीधी रहे।
2. खांसी की तकनीक अपनाएं (कफ सीपीआर)- अगर सांस रुकने जैसा महसूस हो रहा है या बेहोशी लग रही है, तो जोर-जोर से खांसें। हर 2 सेकंड पर गहरी सांस लें और खांसी करें। इससे छाती में दबाव बनेगा और दिल की धड़कन थोड़ी देर सामान्य रहगी।
3. इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें (जैसे 112)- अगर फोन पास में है तो तुरंत 112 या अपने लोकल एम्बुलेंस को कॉल करें। यदि कॉल नहीं कर सकते तो वॉइस कमांड से मदद ले (जैसे Hey Google, call emergency)।
4. एस्पिरिन हो तो चबाएं- अगर घर में एस्पिरिन (Aspirin) रखी हो और आप एलर्जिक नहीं हैं, तो उसे चबाएं। यह खून को पतला करने में मदद करती है और ब्लॉकेज को कुछ समय के लिए कम कर सकती है।
6. किसी नजदीकी को अलर्ट करें- अगर संभव हो तो फोन से किसी पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार को मैसेज या कॉल करें। उन्हें अपनी स्थिति और लोकेशन जरूर बताएं।
डॉ. निखिल अग्रवाल का कहना हैं, अकेले में हार्ट अटैक की स्थिति में सबसे जरूरी है समय पर प्रतिक्रिया देना। शुरुआती 5-10 मिनट बहुत कीमती होते हैं। तो जल्द से जल्द एम्बुलेंस या किसी को कॉल करें और जब तक मदद नही आ जाए तब तक खुद की मदद करें।
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हार्ट अटैक एक इमरजेंसी स्थिति है, लेकिन अकेले होने पर भी घबराने की बजाय सही तरीका अपनाया जाए तो जान बचाई जा सकती है। समय पर मेडिकल सहायता लेना और प्राथमिक जानकारी रखना बहुत जरूरी है।