Jharkhand News: पता है! पुराने जमाने में हम लोग नदी में तैरकर स्कूल पढ़ने जाते थे…ये बात अक्सर आपने बुजुर्गों से सुनी होगी। लेकिन अब अगर ध्यान दें तो ये सिर्फ पुराने जमाने की ही बात नहीं है, बल्कि हमारे देश में ऐसी कई जगह आज भी हैं जहां बच्चे नदी या तालाब में तैरकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। आज की सरकारें स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने का भले ही दंभ भरती हों, लेकिन बारिश के मौसम में उसी स्कूल तक जाने में बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालने पड़ती है।
दरअसल, झारखंड के सिमडेगा जिले में स्कूली बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार को घेरा है। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि, “मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसरों के बच्चे जहां महंगे निजी स्कूलों में तमाम सुविधाओं के साथ पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं गरीब परिवारों के बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।”
झारखंड के सिमडेगा ज़िले में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नाला पार करके स्कूल जाने को मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसरों के बच्चे महंगे प्राइवेट स्कूलों में सुविधाओं के बीच पढ़ाई करते हैं, इसलिए उन्हें गरीब बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।
प्रदेश भर से… pic.twitter.com/Z0jYE4Nhyc
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 19, 2025
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राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने लिखा कि गरीब बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सरकार (Jharkhand News) की प्राथमिकता में शामिल नहीं है। उन्होंने आगे लिखा, “झारखंड के सिमडेगा जिले में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नाला पार कर स्कूल जा रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने लिखा, “अबुआ सरकार बच्चों को स्कूल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बुनियादी व्यवस्था तक करने में असफल रही है।” इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी ऐसी चिंताजनक तस्वीरें सामने आने का भी दावा किया।
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