National Doctors Day : आज यानि 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर को धरती के भगवान के भी नाम से जाना जाता है। अपनी लाइफ को दूसरों के लिए जीने वाले सुपरहीरोज के बारे जितनी बात की जाए उतनी कम है। भारत में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन महान डॉ. बिधान चंद्र रॉय के जन्म और मृत्यु दिवस के सम्मान में मनाया जाता है, जो 1 जुलाई 1882 को पैदा हुए थे और 1 जुलाई 1962 को इसी दिन उनका देहांत हो गया था। डॉ. रॉय एक प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे।
डॉक्टरों की जिंदगी वास्तव में बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है। उन्हें अपनी पढ़ाई के दौरान कम से कम 12-15 साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। मेडिकल की तैयारी, फिर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन, उसके बाद MBBS की पढ़ाई, इंटर्नशिप, और फिर स्पेशलाइजेशन – यह सब एक लंबी और थकाऊ यात्रा है। दिन-रात अस्पताल में ड्यूटी करना, मरीजों की जान बचाने का दबाव, परिवार से दूर रहना, और लगातार पढ़ाई करते रहना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
डॉक्टरों को अक्सर 24-48 घंटे तक बिना आराम के काम करना पड़ता है। इमरजेंसी के समय उन्हें रात-दिन का भेदभाव नहीं करना पड़ता। त्योहारों और छुट्टियों में भी वे अपने मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं। COVID-19 जैसी महामारी के दौरान उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की है। उनके फैसलों पर किसी की जिंदगी टिकी होती है, जिसका मानसिक दबाव बहुत भारी होता है। इसके बावजूद वे निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते रहते हैं।