Health News : हार्ट हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग होता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट से संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी गंभीर आपातकालीन स्थिति है जिसमें व्यक्ति का दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है। इसे सडन कार्डियक अरेस्ट भी कहते हैं। डॉक्टर के अनुसार, यदि मस्तिष्क और अन्य अंगों को खून की आपूर्ति में कमी का तुरंत उपचार नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है, विकलांगता आ सकती है या उसकी मौत भी हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट का सबसे आम कारण दिल की बीमारी है। एरिथमिया और वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन इसके प्रमुख कारक हैं, जहां दिल में विद्युत संकेत खराब होने की वजह से अनियमित दिल की धड़कन होती है। कार्डियोमायोपैथी की स्थिति में हृदय की मांसपेशी फैलती या मोटी हो जाती है, जिससे हृदय का संकुचन असामान्य होता है। कोरोनरी धमनी रोग में धमनियों में प्लाक का निर्माण रक्त प्रवाह को कम कर देता है। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक रक्त की हानि, वाल्वुलर हार्ट डिजीज, ऑक्सीजन की कमी, और मैग्नीशियम और पोटेशियम के स्तर में वृद्धि भी कार्डियक अरेस्ट के कारण बन सकते हैं।
कई बार कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के अचानक हो सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दो अलग-अलग हृदय विकार हैं। हार्ट अटैक धमनियों में रुकावट के कारण होता है जहां दिल को पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता। वहीं, कार्डियक अरेस्ट में दिल की पूरा प्रोसेस खराब हो जाती है और दिल धड़कना बंद कर देता है। हालांकि, दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बढ़ा सकता है।
कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में तुरंत आपातकालीन सुविधा को फोन करना और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) शुरू करना जरूरी है। CPR में छाती को दबाने के साथ-साथ रेस्क्यू ब्रीदिंग दी जाती है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाती है और ऑक्सीजन युक्त रक्त को तब तक प्रसारित करती है जब तक कि सांस सामान्य न हो जाए। चिकित्सा आपातकालीन टीम डिफिब्रिलेटर का उपयोग करके इलाज कर सकती है। समय पर उपचार मिलने से जान बचाई जा सकती है, इसलिए इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।