Prashant Kishor Press Conference : जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने भाजपा के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान दिल्ली के द्वारका में मंगल पांडेय की पत्नी उर्मिला पांडेय ने 86 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा, जिसमें 25 लाख रुपये दिलीप जायसवाल ने दिए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस रकम का ट्रांसफर 6 अगस्त 2019 को मंगल पांडेय के पिता के खाते से पत्नी के खाते में किया गया, जबकि इस संबंध में चुनावी हलफनामे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि दिलीप जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को सरकार ने कोरोना काल के बाद डिग्री देने का अधिकार दिया, जबकि इससे पहले बीएन मंडल यूनिवर्सिटी की डिग्री जारी होती थी. उनका आरोप है कि फ्लैट की खरीद के बदले में यह मेडिकल कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी बना दिया गया.
इसके अलावा, प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार द्वारा एंबुलेंस खरीद में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2022 में खरीदे गए टाइप सी एंबुलेंस की कीमत 19.58 लाख रुपये थी, जबकि 2025 में वही एंबुलेंस 27.47 लाख रुपये में खरीदी गई, जो बाजार भाव से काफी अधिक है. उन्होंने बताया कि ओडिशा में यह एंबुलेंस 16 लाख में और उत्तर प्रदेश में 12 लाख में खरीदी गई है, लेकिन बिहार में इसका दाम दोगुना से भी ज्यादा है.
ये भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन को यादगार बनाने के लिए बहन को दें ये खास तोहफे
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि टाटा मोटर्स को तकनीकी आधार पर टेंडर से बाहर कर दिया गया, जबकि जिस फोर्स मोटर कंपनी को ठेका मिला, उसके सर्विस सेंटर केवल चार-छह जिलों में हैं, जो टेंडर की शर्तों के खिलाफ है. इसके बावजूद सरकार ने महंगे दाम पर अतिरिक्त 222 एंबुलेंस उसी कंपनी से खरीदने का फैसला किया.
उन्होंने बिहार सरकार के प्रमुख अफसर प्रत्यय अमृत पर भी महंगी एंबुलेंस खरीद के लिए सवाल उठाए हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी योजनाओं के तहत दिलीप जायसवाल के अस्पताल से सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड के तहत निकासी हुई, जबकि योजना के बिहार मुखिया पहले मंगल पांडेय के पीएस थे.
प्रशांत किशोर ने पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इन सभी आरोपों को लेकर भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में अपने ही लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं. हालांकि भाजपा की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.