Bihar Politics : बीते दिनों जब एक समाचार चैनल ने राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उनके राजनीतिक सफर को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था कि बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव अब पहले जैसे नहीं रहे। हालांकि 2015 के चुनाव में उभरते चेहरे के रूप में सामने आए तेजस्वी अब एक परिपक्व नेता के तौर पर माने जा रहे हैं। उन्होंने अपने हालिया बयानों में स्पष्ट किया है कि वे अब विरोधियों को करारा जवाब देना जानते हैं और 14 करोड़ बिहारवासियों के हक की आवाज़ बनकर सामने आना चाहते हैं।
तेजस्वी का कहना है कि वे सामाजिक न्याय की विचारधारा में विश्वास करते हैं, जो किसी भी तरह के भेदभाव और ऊंच-नीच के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अगर पिछड़ा है तो पिछड़ा है और अगर सामंती है तो सामंती है। हमारी लड़ाई भेदभाव के खिलाफ है। यही सामाजिक सोच है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद को अति पिछड़ा बताना पड़ता है, तो यह लालू यादव के संघर्ष का नतीजा है। तेजस्वी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब तक लालू चालीसा नहीं पढ़ेंगे,तब तक भूत-पिशाच नहीं भागेंगे।
अपनी 17 महीने की सरकार का उल्लेख करते हुए तेजस्वी ने दावा किया कि उन्होंने साढ़े पाँच लाख नौकरियाँ दीं और इसमें किसी की जाति नहीं देखी गई।उन्होंने कहा कि आईटी नीति, खेल नीति, पर्यटन नीति ये सभी सबके लिए थीं,किसी एक जाति के लिए नहीं। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा भी जाति देखकर नहीं दिया गया।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश अब न नीति आयोग की बैठक में दिखते हैं और न ही इन्वेस्टर मीट में। उन्होंने दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू का कोई वजूद नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि यह पार्टी अब बीजेपी का एक सेल बन चुकी है।
राज्य के आर्थिक हालात पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज बिहार में 94 लाख परिवारों की आय ₹6,000 से भी कम है। चार करोड़ लोग रोज़गार के लिए बाहर हैं। तेजस्वी ने कहा अगर हम बिहार में पढ़ाई, कमाई, दवाई और सिंचाई की व्यवस्था कर दें तो पैसा बाहर नहीं जाएगा।
उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में बुनियादी ढांचा तैयार तो किया गया, लेकिन न डॉक्टर मिले, न संसाधन। उन्होंने यह भी कहा कि मक्का, मखाना और लीची जैसे उत्पादों से भी राज्य को राजस्व मिल सकता है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशांत किशोर पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्हें अमित शाह के कहने पर पद मिलते हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह खुद कह चुके हैं कि चुनाव नीतीश के चेहरे पर लड़ा जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह बाद में तय किया जाएगा। वहीं चिराग पासवान को लेकर उन्होंने कहा कि चिराग और जीतन राम मांझी आज एक-दूसरे को कोस रहे हैं। चिराग के साथ आने को लेकर तेजस्वी ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकता यह समय बताएगा।