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अब देर की तो बड़ा नुकसान हो जाएगा…उपेंद्र कुशवाहा  का नीतीश कुमार को पार्टी छोड़ने की सलाह !

Upendra Kushwaha advises Nitish Kumar to leave the party
inkhbar News
  • Last Updated: July 20, 2025 17:13:33 IST

Upendra kushwaha on nitish kumar : बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पार्टी के पूर्व करीबी नेता और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने एक अहम और गंभीर सलाह दी है. कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वह समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए जदयू की कमान छोड़ दें. उनका कहना है कि अब सरकार और पार्टी का एक साथ संचालन उनके लिए उचित नहीं है.

कुशवाहा ने जताई दल के भविष्य की चिंता

कुशवाहा ने अपने ट्वीट में लिखा कि सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आज आदरणीय नीतीश कुमार जी के सुपुत्र निशांत का जन्मदिन है. इस खुशी के मौके पर जदयू की नई उम्मीद निशांत को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं. ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें. इस अवसर पर मैं आदरणीय नीतीश कुमार जी से अति विनम्र आग्रह करता हूं कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए इस सच को स्वीकार करें कि अब सरकार और पार्टी का संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है.

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कुशवाहा ने आगे लिखा कि नीतीश कुमार का लंबे समय से सरकार चलाने का अनुभव है, जिसका लाभ राज्य को मिलता रहेगा, लेकिन अब पार्टी की जवाबदेही के हस्तांतरण का समय आ चुका है. यह अब केवल मेरी राय नहीं, बल्कि जदयू के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं की भी राय बन चुकी है. यदि इस पर समय रहते ठोस फैसला नहीं लिया गया तो यह पार्टी के लिए अपूरणीय नुकसान का कारण बन सकता है. शायद ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी.

नेताओं और कार्यकर्ताओं की चुप्पी पर सवाल

कुशवाहा ने यह भी लिखा कि मैं जो कुछ कह रहा हूं,जदयू के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से यह बात कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग जो कह सकते हैं, वे वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे.

विपक्ष का नीतीश की सेहत पर सवाल

बता दें पहले से ही नीतीश कुमार की सेहत पर तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर, कांग्रेस और वामपंथी दलों की तरफ से सवाल उठाए जा रहे है. इस बीच कुशवाहा का यह बयान राज्य में सियासी हलचल को और तेज कर सकता है. नीतीश कुमार के विरोधी इस ट्वीट को उनके नेतृत्व क्षमता पर और सवाल उठाने के लिए मजबूत हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कुशवाहा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाया हो. वह पहले भी पार्टी के भीतर आंतरिक असंतोष को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं.अब इस सलाह के बाद जदयू और बिहार के सियासी समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है,खासकर तब जब कुशवाहा ने इसे पब्लिक डोमेन में उजागर किया है.