Written By: Jesika verma
Anant Singh firing case: बिहार के बेगूसराय जिले में, पूर्व विधायक अनंत सिंह पर हुई फायरिंग के मुख्य आरोपी मोनू सिंह को STF (विशेष कार्य बल) और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी बरौनी रेलवे स्टेशन पर उस वक्त हुई जब वह कामाख्या एक्सप्रेस से उतरा ही था। मोनू सिंह पर हत्या, रंगदारी समेत दर्जनों मामले दर्ज हैं, और उसकी फरारी ने लंबे समय तक पुलिस के लिए चुनौती बनी रही।
मोनू सिंह को पकड़ने की योजना उस समय काम आई जब STF को सूचना मिली कि वह बरौनी स्टेशन पर आने वाला है। टीम ने जैसे ही ट्रेन का इंतज़ार किया, मोनू उतरते ही उसे दबोच लिया। यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि वह जनवरी से फरार चल रहा था।
जनवरी 2025 में मोकामा के नौरंगा-जलालपुर गांव में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच विवाद के बाद गोलीबारी हुई थी। दोनों पक्षों ने उपर्युक्त घटना को लेकर गोलीबारी की, जिसमें 60 से 70 राउंड तक गोली चलने की जानकारी मिली। मोनू उस खबर में मुख्य आरोपियों में था, और अब उसकी गिरफ्तारी से मामले में कार्रवाई का दायरा बढ़ सकता है।
मोनू की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब अनंत सिंह को उसी मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। अब दोनों पक्षों के घर और राजनीतिक स्तर पर हलचल बढ़ गई है। यह मामला न केवल कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक संदेशों को भी प्रभावित कर सकता है। मोनू सिंह की गिरफ्तारी ने जनवरी की फायरिंग घटना में कानूनी कार्रवाई की गति को बढ़ा दिया है। अब केस थोड़ी देर और स्पष्ट हो सकता है क्या यह राजनीति रहस्योद्घाटन की दिशा में आगे बढ़ेगा, या न्याय-प्रक्रिया को गति देगा, यह आने वाला समय बताएगा।