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सियासत और श्रद्धा का संगम: जानकी मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होंगे शाह-नीतिश

Sitamarhi Punaura Dham
inkhbar News
  • Last Updated: August 8, 2025 10:17:18 IST

Sitamarhi Punaura Dham: बिहार के सीतामढ़ी जिले में आज का दिन ऐतिहासिक बनने जा रहा है। माता जानकी (सीता माता) के भव्य मंदिर का शिलान्यास आज किया जाएगा। यह मंदिर धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है। बता दें कि 67 एकड़ भूमि पर भव्य मंदिर परिसार का निर्माण मात्र 42 सप्ताह यानी मात्र 11 महीने में होना है।

स्थानीय लोगों में उत्साह और अमित शाह और नीतीश कुमार की विशेष उपस्थिति

मंदिर निर्माण की घोषणा के बाद से ही स्थानीय लोग काफी उत्साहित हैं। कई लोगों का मानना है कि वर्षों पुरानी उनकी आस्था को अब आकार मिलने जा रहा है। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालु और आमजन के पहुंचने की उम्मीद है। इस खास मौके पर देश के गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। दोनों नेता एक मंच पर दिखाई देंगे, जिससे इस कार्यक्रम की राजनीतिक अहमियत भी बढ़ जाएगी।

11 पवित्र नदियों के जल से होगी नींव की स्थापना

मंदिर की नींव एक विशेष धार्मिक परंपरा के साथ रखी जाएगी। देश की 11 पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, कावेरी, क्षिप्रा, गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन से लाए गए पवित्र जल से नींव डाली जाएगी। इससे मंदिर को एक आध्यात्मिक ऊर्जा और महत्व भी मिलेगा।

सीतामढ़ी को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम

यह मंदिर सीतामढ़ी को वैश्विक धार्मिक मानचित्र पर स्थापित करने का कार्य करेगा। सीतामढ़ी को देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है, और यह मंदिर उस ऐतिहासिक आस्था को और मजबूत करेगा। इसके साथ ही, स्थानीय व्यापार, होटल इंडस्ट्री और पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी।

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियां पूरी

शिलान्यास समारोह के लिए जिला प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। वीआईपी नेताओं की मौजूदगी को देखते हुए पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया जाएगा। यातायात व्यवस्था, प्रवेश और निकास मार्गों पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।

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राजनीतिक और धार्मिक संतुलन का प्रतीक बनेगा यह मंदिर

अमित शाह और नीतीश कुमार की मौजूदगी से यह कार्यक्रम धार्मिक के साथ-साथ राजनीतिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण बन गया है। यह मंदिर न केवल धार्मिक धरोहर होगा, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास का प्रतीक भी बनेगा।