Mosque Meeting: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की दिल्ली में एक मस्जिद के अंदर पार्टी नेताओं के साथ की गई बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है। जैसे ही ये तस्वीर वायरल हुई तो न सिर्फ बीजेपी बल्कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने आपत्ति जताई। अब इस मामले पर मस्जिद के इमाम और रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी का बयान सामने आया है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि मुल्क जिस हालात से गुजर रहा है और जो चर्चाएं होनी चाहिए थीं, उन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने मामूली सी बात पर लोगों का ध्यान लगा दिया है।
सांसद नदवी ने आगे कहा कि पहलगाम में कई लोगों की जान गई, उस पर चर्चा होनी थी। बीजेपी जिस तरह से चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल कर रही है, उस पर चर्चा होनी थी। पड़ोसी मुल्क से विवाद हुआ, किसी तीसरे मुल्क ने सीजफायर कराया, इन सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने जरा सी बात (Mosque Meeting) को मुद्दा बना दिया।
मस्जिद में सपा नेताओं की बैठक को लेकर भी मोहिब्बुल्ला नदवी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश यादव से दरखास्त की थी कि संसद शुरू होने में अभी 1 घंटा बाकी है तो मस्जिद (Mosque Meeting) विजिट कर लें। वो पुरानी तमाम जगहों पर जाते रहते हैं और उनको शौक भी है। पढ़े-लिखे आदमी हैं और चीजों को गहराई से समझते हैं। उस वक्त जो भी सांसद थे मस्जिद में आए। हमारी पार्टी के करीब एक दर्जन सांसद मस्जिद के अंदर मौजूद थे।
सपा सांसद का कहना है कि इस मस्जिद में फ्रीडम फाइटर आ चुके हैं। मोलाना आजाद, नेहरू जी, राजेंद्र प्रसाद, अब्दुल कलाम, हेड ऑफ इस्लामिक कंट्री भी नमाज अदा कर चुके हैं। हम अखिलेश यादव को मस्जिद की हिस्ट्री बता रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के चीफ गेस्ट तमजीन रजाक साहब, मलेशिया के प्रधानमंत्री भी इसी मस्जिद में नमाज पढ़ चुके हैं। ये ही उनको बता रहे थे।
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नदवी ने निशाना साधते हुए कहा कि इतनी सी बात को लेकर बीजेपी ने अपनी नाकामी (Mosque Meeting) छिपाने के लिए देश का ध्यान भटका दिया। ये मानसिकता बहुत खराब है और इस पर सवाल भी नहीं करना चाहिए था। बीजेपी मुस्लिम ही नहीं, हिंदू धर्म का भी सम्मान नहीं करती है। अयोध्या के रहने वाले मेरे पंडित दोस्तों ने बताया कि बीजेपी ने वहां किस तरह मंदिर का अपमान किया है।
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