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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बारिश ने मचाई तबाही, जानें क्यों और कैसे फटता है बादल

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inkhbar News
  • Last Updated: August 5, 2025 18:29:33 IST

Uttarkashi cloudburst : उत्तराखंड में कुदरत का कहर देखने को मिला है। धराली के बाद सुक्खी गांव में भी बादल फटा है। आपको बता दें कि धराली में बादल फटने का मंजर इतना भयानक था कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। कुछ सेकंड में पूरा गांव सैलाब में बह गया। इस आपदा की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो दिल दहला देने वाली हैं, जिनमें इंसान और घर, पलक झपकते ही, मलबे के साथ बहते नजर आ रहे हैं। यह उत्तराखंड में हाल की सबसे बड़ी तबाही में से एक है।

100 से ज्यादा के फंसे होने की बात

जानकारी के लिए आपको बता दे कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में साल 2025 के मानसून की सबसे बड़ी बादल फटने की घटना सामने आई है जिसमें कई लोगों के लापता होने की खबर है। लगातार हो रही बरसात पहाड़ों पर आफत बनकर बरस रही है। उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने की खबर सामने आई है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची एसडीआरएफ, राजस्व, आर्मी आपदा दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। अचानक खीर गाड़ में मलबे के साथ आए पानी के कारण कस्बे में कई घरों को नुकसान की भी खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना में अब तक 10 लोगों की मौत, 40 से ज्यादा लोगों के लापता और 100 से ज्यादा के फंसे होने की बात सामने आ रही है।

क्यों फटता है बादल ?

बादल फटना एक गंभीर प्राकृतिक घटना है, जिसमें बहुत कम समय में एक जगह पर भारी बारिश होती है। यह खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में होता है, जहां हवा में नमी बहुत अधिक होती है। जब गर्म और नम हवा पहाड़ों से टकराती है, तो वह ऊपर उठती है और तेजी से ठंडी होकर भारी बादल बना लेती है। अगर ये बादल बहुत ज्यादा पानी इकट्ठा कर लेते हैं और जल्दी-जल्दी खाली नहीं हो पाते, तो एक समय ऐसा आता है जब बादल एक साथ ही भारी मात्रा में पानी छोड़ देते हैं। इसे ही “बादल फटना” कहते हैं। बादल फटने की वजह से अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। पानी के साथ मलबा, पत्थर और मिट्टी भी बहने लगते हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। सड़कें टूट जाती हैं, घर बह जाते हैं और कई बार लोग मलबे में दब जाते हैं। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में यह खतरा ज्यादा होता है क्योंकि वहां बारिश का बहाव नीचे की ओर बहुत तेज होता है। इसलिए ऐसे इलाकों में मौसम की जानकारी पर ध्यान देना और सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

बादल फटने के प्रभाव :

1. बाढ़: बादल फटने से नदियों और जलधाराओं में अचानक बाढ़ आ जाती है, जिससे जान-माल की हानि होती है।
2. जान-माल की हानि: बादल फटने से जान-माल की हानि होती है, जैसे कि घरों और संपत्तियों का नुकसान।
3. यातायात और संचार: बादल फटने से यातायात और संचार व्यवस्था प्रभावित होती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है।

बादल फटना एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण जान-माल की हानि होती है। इसके प्रभावों को कम करने के लिए हमें मौसम परिवर्तन के प्रभावों को समझना और आपदा प्रबंधन की तैयारी करनी चाहिए।

देखिए वीडियो- Uttarkashi : उत्तराखंड के धराली गांव में फटा बादल, 60 लोग लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी