Fake International Police : नोएडा पुलिस (Noida Police) ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पुलिस के समानांतर अपना दफ्तर चलाकर लोगों से मोटी रकम वसूल रहा था। सेक्टर-70 स्थित इस ऑफिस का नाम था— इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो। आरोपी खुद को इंटरपोल, यूरेशिया पोल और खुफिया एजेंसियों से जुड़ा बताते थे। फेज-3 पुलिस ने छापेमारी कर इस फर्जी ऑफिस से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, मंत्रालयों की मोहरें, आईडी कार्ड और सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बीभाष चंद्र अधिकारी, अराग्य अधिकारी, बाबूलचंद मंडल, पिंटूमाल, समापदमल और आशीष कुमार के रूप में हुई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ये लोग किसी भी तरह के पुलिस डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे। इतना ही नहीं, आरोपी विभिन्न मंत्रालयों के नाम से नकली कागजात और सर्टिफिकेट भी तैयार करते थे। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी के अनुसार, आरोपियों ने दो माह पहले ही सेक्टर-70 में इस फर्जी दफ्तर की शुरुआत की थी। यहां बाकायदा पुलिस जैसी व्यवस्था बनाई गई थी, ताकि लोग इन्हें असली समझ लें। गिरोह के सदस्य लोगों के वेरिफिकेशन, शिकायत निवारण और कथित “अंतरराष्ट्रीय अपराध जांच” के नाम पर भी पैसे लेते थे। पुलिस के मुताबिक, इनका नेटवर्क सिर्फ नोएडा तक सीमित नहीं था, बल्कि वेस्ट बंगाल में भी इसी तरह का ऑफिस संचालित हो रहा था।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से कई मंत्रालयों की नकली मुहरें, फर्जी नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र, लेटरहेड और अन्य संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह ने दर्जनों लोगों से लाखों रुपये वसूलकर फर्जी वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट जारी किए हैं। डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और पुलिस की वर्दी तथा सरकारी पदनाम का दुरुपयोग कर लोगों को गुमराह कर रहा था। फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कितने लोगों को इनकी ठगी का शिकार बनाया गया। साथ ही, वेस्ट बंगाल स्थित इनके नेटवर्क के बारे में भी विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी वेरिफिकेशन या पुलिस संबंधी काम के लिए केवल अधिकृत सरकारी चैनल का ही इस्तेमाल करें और किसी भी संदिग्ध संस्था या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगाई जा सके।
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