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मतदाता सूची पुनरीक्षण विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में  ADR और चुनाव आयोग आमने-सामने,समझें पूरा मामला

Bihar assembly polls ADR and Election Commission face to face in Supreme Court on voter list revision dispute
inkhbar News
  • Last Updated: July 27, 2025 17:29:54 IST

Bihar assembly polls : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि SIR प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है. याचिका में कहा गया है कि कई स्थानों पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) खुद ही गणना फॉर्म भर रहे हैं और उन पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. इतना ही नहीं मृत व्यक्तियों के नाम पर भी फॉर्म भरकर ऑनलाइन अपलोड किए गए हैं, जबकि कई जीवित मतदाताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोई फॉर्म नहीं भरा और न ही किसी BLO से संपर्क हुआ.

वहीं आरजेडी ने भी कोर्ट को बताया कि समय पर लक्ष्य पूरा करने के दबाव में BLO बिना मतदाताओं की जानकारी या सहमति के बड़े पैमाने पर फॉर्म भर रहे हैं और उन्हें ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि कई मतदाताओं को यह संदेश मिला कि उनके फॉर्म सफलतापूर्वक जमा हो गए हैं, जबकि उन्होंने कभी फॉर्म भरा ही नहीं.

दाखिल याचिका में क्या कहा

ADR की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग के दावे अविश्वसनीय हैं,क्योंकि बड़ी संख्या में फॉर्म बिना वैध दस्तावेजों के जमा किए गए हैं. साथ ही मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि कई स्थानों पर BLO घर-घर नहीं पहुंचे और मतदाताओं के जाली हस्ताक्षर करके फॉर्म अपलोड कर दिए गए.

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चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि SIR की प्रक्रिया पारदर्शी रही है और इसका उद्देश्य मतदाता सूची से अयोग्य नाम हटाकर चुनाव की शुचिता को बनाए रखना है.

सोमवार को होगा मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार 28 जुलाई 2025 को करेगा.राजनीतिक और लोकतांत्रिक संगठनों की नजर इस सुनवाई पर टिकी हुई है, जो मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को लेकर अहम फैसला साबित हो सकती है.