Amit Shah Bihar Visit : बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम स्थित जानकी जन्मभूमि पर शुक्रवार को ऐतिहासिक मंदिर का शिलान्यास किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इस भव्य मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया.
मंदिर के शिलान्यास समारोह में काशी और मिथिला के आचार्यों की उपस्थिति रही, जिन्होंने इस धार्मिक अनुष्ठान की देखरेख की. इस अवसर पर अयोध्या, जनकपुर और अन्य जगहों से आए साधु-संतों के साथ पूरे क्षेत्र में जय सियाराम के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया. पुनौरा धाम को दुल्हन की तरह सजाया गया था और समारोह में शामिल होने के लिए देशभर से भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था.
भूमि पूजन के लिए जयपुर से चांदी के कलश, दिल्ली से चांदी से बनी विशेष पूजन सामग्री, 21 तीर्थों की मिट्टी और 31 नदियों का जल मंगवाया गया. पूजा के बाद, पटना के महावीर मंदिर के सौजन्य से 11 पवित्र नदियों के जल से संकल्प स्नान किया गया, और तिरुपति बालाजी के प्रसिद्ध लड्डू श्रद्धालुओं के बीच वितरित किए गए.
जानकी जन्मभूमि पर बनने वाले इस भव्य मंदिर के लिए नीतीश सरकार ने 883 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. मंदिर का निर्माण तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा, जिसमें माता सीता से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों और कहानियों को प्रदर्शित करने का भी प्रावधान है.
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मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा यज्ञ मंडप, संग्रहालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, भजन संध्या स्थल, यात्री डॉरमेट्री भवन, और अतिथि गृह जैसी सुविधाएं भी शामिल की जाएंगी. इसके अलावा, 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण 165.57 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, ताकि इस पूरे परिसर का समग्र विकास किया जा सके.
मंदिर के शिलान्यास समारोह में अयोध्या, जनकपुर और मिथिला के महत्वपूर्ण मंदिरों के महंत और संतों की उपस्थित रहे. इसमें जनकपुर राम जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास महाराज, अयोध्या के हनुमान गढ़ी के महंत बाबा बलराम दास, लक्ष्मण किला अयोध्या के महंत मैथिली रमन शरण दास और दशरथ गद्दी अयोध्या के महंत बृजत मोहन दास सहित कई प्रमुख संतों की उपस्थिति रहेगी.
इस अवसर पर पूरे मिथिलांचल में उल्लास और आस्था का माहौल बना हुआ है. पुनौराधाम में इस मंदिर के निर्माण से स्थानीय पर्यटन को भी एक नया विस्तार मिलेगा और श्रद्धालुओं को एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल का दर्शन होगा.