योगी सरकार ने THR के वितरण प्रणाली में किया बदलाव…अब इन लोगों को नहीं मिलेगा टेक होम राशन

योगी सरकार ने THR के वितरण प्रणाली में किया बदलाव…अब इन लोगों को नहीं मिलेगा टेक होम राशन

Yogi government : उत्तर प्रदेश सरकार ने कुपोषण के खिलाफ अपने अभियान को और अधिक सख्त और पारदर्शी बनाने के लिए टेक होम राशन (THR) वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है. बता दें कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब 1 जुलाई 2025 से प्रदेश के सभी 1.18 करोड़ लाभार्थियों को राशन केवल तभी मिलेगा जब उनकी पहचान फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) और मोबाइल OTP से प्रमाणित होगी.सरकार का कहना है कि यह निर्णय पोषण योजनाओं में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के उद्देश्य से लिया गया है.

क्या है नया सिस्टम और कैसे करेगा काम?

नए वितरण मॉडल में लाभार्थियों की पहचान फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) और मोबाइल OTP इन दो तरीके से  की जाएगी.फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) के तहर पहले  लाभार्थी की एक लाइव फोटो खींची जाएगी, जिसे आधार से जुड़ी ई-KYC प्रणाली से मिलाया जाएगा. यह तकनीक यह सुनिश्चित करेगी कि राशन उसी व्यक्ति को मिले जिसके नाम से योजना में नामांकन हुआ है.पहचान स्थापित होने के बाद लाभार्थी को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा. OTP दर्ज करने के बाद ही टेक होम राशन का पैकेट जारी होगा.जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है, वे अपने पति, पत्नी या अभिभावक के मोबाइल नंबर से यह प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे.

कहां से हुई शुरुआत?

जानकारी के लिए बता दें कि FRS आधारित वितरण प्रणाली की शुरुआत अगस्त 2024 में कानपुर नगर के बिधनू और सरसौल ब्लॉकों से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी. प्रोजेक्ट की सफलता के बाद 1 नवंबर 2024 तक इसे पूरे राज्य के 75 जिलों में लागू कर दिया गया.इस योजना के अंतर्गत 13 जून 2025 तक कुल 1.18 करोड़ लाभार्थियों में से लगभग 54 लाख का ई-KYC अपडेट हो चुका है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश

इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि ब्लॉक और पंचायत स्तर पर प्रतिदिन विशेष कैंप लगाए जाएं ताकि ई-KYC प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके. मुख्य विकास अधिकारी (CDO) इन कैंपों की निगरानी स्वयं करेंगे. राज्य सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को टैबलेट, पोर्टेबल इंटरनेट डिवाइस और जनरेटर जैसी तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है ताकि दूरस्थ गांवों में भी यह प्रक्रिया बिना बाधा पूरी की जा सके. साथ ही लोगों को इस प्रणाली के बारे में जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया, ग्रामीण हाट, मंडी, और आकाशवाणी जैसे माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान भी शुरू किया गया है.

बदलाव क्यों है जरूरी?

बता दें कि बीते कुछ वर्षों में THR योजना में फर्जी लाभार्थियों द्वारा राशन उठाने और उसे खुले बाजार में बेचने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. इससे वास्तविक जरूरतमंद महिलाएं और बच्चे कई बार लाभ से वंचित रह जाते थे. इसलिए सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव किया है. नई डिजिटल प्रणाली से न केवल इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगेगी बल्कि यह सरकारी संसाधनों की बचत भी सुनिश्चित करेगी. हर लाभार्थी का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा, जिससे यह तय हो सकेगा कि सहायता उन्हीं तक पहुंचे जिन्हें इसकी आवश्यकता है.

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